रंगकर्म में आए डिजिटल बदलाव चिंताजनक
बाढ़, संवाद सूत्र। पंडारक के पुण्यार्क कला निकेतन के बैनर तले केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय एवं उत्तर मध्य सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज के सौजन्य से...
पंडारक के पुण्यार्क कला निकेतन के बैनर तले केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय एवं उत्तर मध्य सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज के सौजन्य से समय के साथ थिएटर में तकनीकी बदलाव विषय पर सोमवार को परिचर्चा आयोजित की गई। परिचर्चा में देश के जानेमाने रंग कर्मियों ने हिस्सा लिया। रंगकर्मियों ने कहा कि रंगकर्म में आए डिजिटल बदलाव चिंताजनक है। इसने रंगकर्म के मूल स्वरूप पर कुठाराघात किया है। अभिव्यक्ति के सबसे बड़े हथियार पर आज खतरा मंडरा रहा है। अब तो रंगकर्म को अपने वजूद के लिए नए सिरे से संघर्ष करना पड़ रहा है। डिजिटल साधन के विकल्पों के कारण नई पीढ़ी विमुख हो रही है जिसमें उत्साह और आकर्षण बढ़ाने की जरूरत है। उद्घाटन पश्चिमी पंडारक की पूर्व सरपंच सुनैना देवी, मध्य प्रदेश राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक संजय उपाध्याय, वरिष्ठ रंगकर्मी अशोक प्रियदर्शी, सुमन कुमार, भारत भूषण पाठक एवं मुकेश सिंह ने किया। मौके पर रंगकर्म की पत्रिका पुण्यार्क का विमोचन संजय उपाध्याय ने किया। संस्था के संरक्षक आनंद मोहन सिंह, रामनरेश सिंह आदि ने अतिथि रंग कर्मियों को अंग वस्त्र एवं पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। परिचर्चा में मुख्य रूप से संजय उपाध्याय ,सुमन कुमार, विजय आनंद ,सुमन प्रियदर्शी, भारत भूषण पाठक, बृजेश पाठक, हेमंत सहित कई रंगकर्मियों ने रंगकर्म के चिंताजनक बदलाव से निबटने के लिए नई रणनीति बनाने पर जोर दिया। इसके पूर्व रवि शंकर कुमार, संजीव रंजन, अक्षय कुमार, अभिषेक आनंद, राकेश कुमार ,राजेश ,दिनेश आदि रंगकर्मियों ने पारंपरिक परिधानों में ढोल नगाड़ों के साथ पंडारक गांव में रंग जुलूस निकाला।