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हिन्दी भाषा और साहित्य की उन्नति में देशरत्न का बड़ा योगदान

देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद अद्भुत मेधा के विलक्षण महापुरुष थे। हिन्दी भाषा और साहित्य की उन्नति में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। बिहार...

हिन्दी भाषा और साहित्य की उन्नति में देशरत्न का बड़ा योगदान
हिन्दुस्तान टीम,पटनाFri, 03 Dec 2021 06:30 PM
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देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद अद्भुत मेधा के विलक्षण महापुरुष थे। हिन्दी भाषा और साहित्य की उन्नति में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन की स्थापना और उसके विकास में उन्होंने अविस्मरणीय योगदान दिया।

उनकी जयंती को भारत सरकार द्वारा मेधा दिवस घोषित किया जाना चाहिए। ये बातें शुक्रवार को भारत के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर साहित्य सम्मेलन में आयोजित कार्यक्रम में डॉ. अनिल सुलभ ने कही।

अतिथियों का स्वागत करते हुए सम्मेलन के उपाध्यक्ष डॉ. शंकर प्रसाद ने कहा कि राजेंद्र बाबू का जीवन एक तपस्वी संत का था। राष्ट्रपति भवन में भी उनकी सादगी की झलक देखी जा सकती है। सम्मेलन की उपाध्यक्ष डॉ. मधु वर्मा ने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद के मन में नारी जाति के प्रति अपार श्रद्धा थी। वरिष्ठ कवि कमला प्रसाद ने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद सामासिक संस्कृति के प्रतीक थे।

वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यसेवी डॉ. ध्रुब कुमार, वरिष्ठ कवि बच्चा ठाकुर, कवि ओम प्रकाश पांडेय, डॉ. मेहता नगेंद्र सिंह, कुमार अनुपम, डॉ. आर प्रवेश, डॉ. विनय कुमार विष्णुपुरी, डॉ. शालिनी पाण्डेय, नंद किशोर ठाकुर, डॉ. मनोज गोवर्द्धनपुरी, ब्रह्मानन्द पाण्डेय, डॉ. बीएन विश्वकर्मा, अर्जुन प्रसाद सिंह, राज किशोर झा, ज्ञानेश्वर शर्मा, श्याम नारायण महाश्रेष्ठ ने भी अपने विचार व्यक्त किए। मंच का संचालन सुनील कुमार दूबे तथा धन्यवाद-ज्ञापन कृष्णरंजन सिंह ने किया।

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