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नीति आयोग की देखरेख में होगा उत्तर कोयल योजना का निर्माण

राज्य में सिंचाई की सबसे बड़ी योजना उत्तर कोयल परियोजना के निर्माण की देखरेख नीति आयोग करेगा। नीति आयोग के सीईओ की अध्यक्षता में बनी अधिकृत कमेटी इसके निर्माण कार्य की मॉनिटरिंग करेगी। योजना का काम...

नीति आयोग की देखरेख में होगा उत्तर कोयल योजना का निर्माण
हिन्दुस्तान टीम,पटनाSun, 05 Nov 2017 06:20 PM
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राज्य में सिंचाई की सबसे बड़ी योजना उत्तर कोयल परियोजना के निर्माण की देखरेख नीति आयोग करेगा। नीति आयोग के सीईओ की अध्यक्षता में बनी अधिकृत कमेटी इसके निर्माण कार्य की मॉनिटरिंग करेगी। योजना का काम जल्द शुरू होने वाला है। केन्द्र सरकार ने निर्माण के लिए ऐजेन्सी का चयन कर लिया है। वर्षों से अधर में लटकी यह योजना ढाई साल में पूरी होगी। इससे राज्य के लगभग एक लाख 11 हजार हेक्टेयर में सिंचाई की नई व्यवस्था हो पाएगी। मगध क्षेत्र के इलाके को खास लाभ होगा।

उत्तर कोयल परियोजना की शुरुआत 1972 में ही हुई थी। डैम तथा बैराज का निर्माण पूरा कर लिया गया है। लेकिन नहरों का निर्माण नहीं हो पाया है। बराज में गेट उसी समय लग गया था। डैम में आजतक गेट नहीं लग सका है। इस परियोजना के शेष भाग का काम करने में 1622 करोड़ खर्च होंगे। इसके पहले के निर्माण पर 769 करोड़ खर्च किए जा चुके हैं। अब काम को पूरा करने के लिए सरकार नाबार्ड से कर्ज लेगी। इस परियोजना के पूरा होने से उग्रवाद से प्रभावित बिहार के गया और औरंगाबाद तथा झारंखड के पलामू जिले में सिंचाई सुविधाओं का विस्तार किया जा सकेगा। खास बात यह है कि इस योजना का 80 प्रतिशत लाभ बिहार को होगा और बीस प्रतिशत लाभ झारखंड को मिलेगा।

45 साल पुरानी यह योजना अब तक आधी दूरी ही तय कर सकी है। इस बीच योजना की लागत लगभग 40 गुना बढ़ गई है। अब तक जितना निर्माण हो चुका है, उससे 50 प्रतिशत किसानों को भी इसका लाभ नहीं मिल रहा है। डूब क्षेत्र वन विभाग का होने के कारण इसका मंत्रालय से क्लीयरेंस नहीं मिल रहा था, लेकिन अब सारी बाधाएं दूर कर ली गई है। बुधवार को हुए फैसले से अर्थिक संकट भी नहीं रहा।

योजना एक नजर में

30 करोड़ की थी योजना

769 करोड़ हो चुके हैं खर्च

1622 करोड़ खर्च होंगे शेष काम पर

111 हजार हेक्टेयर में होनी है सिंचाई

54 हजार हेक्टेयर में अभी हो रही सिंचाई

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