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सूबे में नारियल की खेती बढ़ेगा रकबा

बिहार में अब नारियल की खेती का रकबा भी बढ़ेगा। नारियल विकास बोर्ड ने सूबे में नारियल की खेती के लक्ष्य में पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 50 फीसदी की बढ़ोतरी की है। बोर्ड ने चालू वित्तीय वर्ष में...

सूबे में नारियल की खेती बढ़ेगा रकबा
हिन्दुस्तान टीम,पटनाMon, 14 Oct 2019 12:53 AM
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बिहार में अब नारियल की खेती का रकबा भी बढ़ेगा। नारियल विकास बोर्ड ने सूबे में नारियल की खेती के लक्ष्य में पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 50 फीसदी की बढ़ोतरी की है। बोर्ड ने चालू वित्तीय वर्ष में सूबे में 75 हेक्टेयर जमीन में नारियल की खेती कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए बोर्ड की ओर से किसानों को अनुदानित मूल्य पर नारियल के पौधे देने के साथ-साथ जागरूकता कार्यक्रम भी चलाये जाएंगे।

नारियल विकास बोर्ड के पटना क्षेत्रीय कार्यालय के निदेशक राजीव भूषण प्रसाद ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में सूबे में नारियल की खेती का लक्ष्य 50 हेक्टेयर निर्धारित था। इसके एवज में सूबे में 40 हेक्टेयर में नारियल की खेती हुई थी। इसी से प्रभावित होकर बोर्ड ने रकबा बढ़ाकर वर्ष 2019-20 के लिए 75 हेक्टेयर कर दिया है। निदेशक ने बताया कि नारियल विकास बोर्ड ने क्षेत्र विस्तार योजना के तहत खेती के रकबा को बढ़ाया गया है।

जानकारी के अनुसार मधेपुरा की नर्सरी में नारियल के 10 हजार से अधिक पौधे किसानों को देने के लिए तैयार हैं। सबसे अधिक खेती का रकबा कोसी क्षेत्र के जिलों में होगा। उत्तर बिहार के नौ से 10 जिले की जमीन ही नारियल की खेती के लिए अनुकूल हैं। हालांकि, दूसरे जिलों के इच्छुक किसानों को भी नारियल की खेती के बारे में ट्रेनिंग दी जाएगी।

प्रखंड से राज्य स्तर का होगा कार्यक्रम

पटना क्षेत्रीय कार्यालय के निदेशक ने बताया कि क्षेत्र विस्तार योजना में किसानों को जागरूक करने के साथ नारियल की खेती से होने वाले फायदे के बारे में बताया जाएगा। बोर्ड की ओर से प्रखंड स्तर से लेकर राज्य स्तर के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसमें नारियल के सांस्कृतिक के साथ-साथ आर्थिक महत्व की जानकारी मिलेगी।

नारियल उत्पादन में आगे होगा बिहार

नारियल बोर्ड के अनुसार देश भर के 10 प्रमुख नारियल उत्पादक राज्यों में बिहार भी शामिल है। देश के कुल नारियल उत्पादन में बिहार का नौंवा स्थान है। पहले स्थान पर तमिलनाडु, दूसरे पर केरल व तीसरे पर कर्नाटक है। इन तीनों राज्यों में देश के कुल नारियल उत्पादन का करीब 80 प्रतिशत उत्पादन होता है। सूबे में नारियल का प्रति हेक्टेयर उत्पादन देश के राष्ट्रीय उत्पादन औसत से अधिक है। बिहार में प्रति हेक्टेयर नारियल का उत्पादन 13 हजार कोकोनट है जबकि राष्ट्रीय औसत प्रति हेक्टेयर 10 हजार कोकोनट ही है।

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