सीबीएसई : 10वीं में दो और 12वीं में एक अतिरिक्त विषय लेने की अनुमति
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने छात्रों के लिए अतिरिक्त विषयों के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। 10वीं में छात्र पांच अनिवार्य विषयों के अलावा दो और 12वीं में एक अतिरिक्त विषय ले...

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने अपने संबद्ध स्कूलों और छात्रों के लिए अतिरिक्त विषयों को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया है। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि दसवीं में छात्र पांच अनिवार्य विषयों के अलावा दो अतिरिक्त विषय ही ले सकते हैं। 12वीं में केवल एक अतिरिक्त विषय लेने की अनुमति होगी। अतिरिक्त विषय का अध्ययन छात्रों को दो सालों तक करना होगा। यानी दसवीं के लिए नौवीं और दसवीं तक, तो 12वीं के लिए 11वीं और 12वीं तक अध्ययन करना होगा। तभी बोर्ड परीक्षा में इसे लेने की अनुमति मिलेगी। बोर्ड ने यह भी कहा है कि अगर किसी स्कूल ने सीबीएसई से किसी विशिष्ट विषय को पढ़ाने की मंजूरी नहीं ली तो बोर्ड परीक्षा के लिए विद्यार्थी उस विषय को नहीं चुन सकेंगे।
आंतरिक मूल्यांकन में शामिल नहीं तो ‘एसेंशियल रिपीट श्रेणी में रखे जाएंगे बोर्ड ने आवश्यक सूचना में नई शिक्षा नीति का हवाला देते हुए कहा है कि आंतरिक मूल्यांकन बोर्ड परीक्षा का अनिवार्य हिस्सा है। अगर कोई विद्यार्थी रेगुलर स्कूल नहीं आता है तो वह आंतरिक मूल्यांकन में शामिल नहीं हो सकेगा और ऐसे विद्यार्थियों का परिणाम नहीं घोषित किया जाएगा। इन्हें एसेंशियल रिपीट श्रेणी में रखा जाएगा। दूसरे वर्ष इन्हें दोबारा परीक्षा देनी होगी। बोर्ड ने विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए न्यूनतम 75% उपस्थिति पूरा करने का निर्देश दिया है।
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