राशन कार्ड को आधार से जोड़ने का काम धीमा
राज्य में राशन कार्ड को आधार से जोड़ने का काम बेहद धीमा चल रहा है। दो साल से अधिक की अवधि बीत जाने के बाद भी करीब 50 प्रतिशत राशन कार्डों को ही आधार से जोड़ा जा सका है। सूत्रों के अनुसार केन्द्र सरकार...
राज्य में राशन कार्ड को आधार से जोड़ने का काम बेहद धीमा चल रहा है। दो साल से अधिक की अवधि बीत जाने के बाद भी करीब 50 प्रतिशत राशन कार्डों को ही आधार से जोड़ा जा सका है। सूत्रों के अनुसार केन्द्र सरकार ने सभी राज्यों को 30 सितंबर तक अपने यहां के तमाम राशन कार्डों को आधार से जोड़ने की जिम्मेदारी दे रखी है।
बावजूद इसके बिहार समेत कई राज्यों में यह काम मंद गति से चल रहा है। सरकार के नए नियमों के मुताबिक आधार कार्ड सीडिंग करा चुके लोगों को ही राशन के सस्ते अनाज दिए जाने हैं। केन्द्र के निर्देशों के अनुरूप राशन कार्डधारियों के मोबाइल नंबर भी दर्ज किए जाने हैं। केन्द्र ने आधार सीडिंग के लिए विशेष अभियान चलाने व शिविर लगाने का भी निर्देश दिया है। अब तक चलाए गए अभियान में बड़ी संख्या में राशन कार्डों के फर्जी होने की जानकारी भी खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग को मिली है।
दूसरी ओर बिहार में बाढ़ के कारण कई जिलों में आधार सीडिंग का काम काफी पिछड़ गया है। मधुबनी, शिवहर, चंपारण, सारण, सुपौल, कटिहार, अररिया, किशनगंज आदि जिलों में यह काम हफ्तों रुका रहा। यहां के संबंधित अफसरों के राहत कार्यों में व्यस्त रहने की सूचना मुख्यालय को भेजी गई है। दूसरी ओर जहानाबाद, भोजपुर, लखीसराय आदि जिलों से ऑपरेटर के काम नहीं करने की रिपोर्ट है।
आधार सीडिंग की लचर स्थिति से निपटने को केन्द्र सरकार ने 11 सितंबर को विशेष बैठक बुलायी है। बैठक के मद्देनजर विभाग के सचिव पंकज कुमार ने सभी जिला अधिकारियों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभुकों का आधार सीडिंग जल्द कराने का निर्देश दिया है।