स्वास्थ्य जागरूकता के लिए 21 जिलों में 208 युवा क्लीनिक संचालित
बिहार में स्वास्थ्य जागरूकता के लिए 21 जिलों में 208 युवा क्लीनिक का संचालन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य किशोरों के बीच स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी फैलाना है। बैठक में किशोर स्वास्थ्य,...
बिहार में स्वास्थ्य जागरूकता के लिए 21 जिलों में 208 युवा क्लीनिक का संचालन किया जा रहा है। इनके माध्यम से किशोरों के बीच स्वास्थ्य संबंधी सभी पहलुओं पर जानकारी दी जा रही है। किशोर स्वास्थ्य पर जनमानस में जागरूकता का प्रचार-प्रसार फैलाने के उद्देश्य से पोग्स, फोगसी, आईसोपार्ब एवं सिफार के बैनर तले किशोर स्वास्थ्य पर आयोजित बैठक में वक्ताओं ने इसकी जानकारी दी। बैठक का आयोजन शनिवार को आईएमए हॉल में किया गया। बैठक में राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत किशोर किशोरी स्वास्थ्य, माहवारी स्वच्छता, किशोरियों में गर्भधारण एवं पोग्स, फोगसी एवं आईसोपार्ब की ओर से किशोर-किशोरी स्वास्थ्य में सहभागिता पर चर्चा की गयी। वक्ताओं ने कहा कि पियर एजुकेशन के माध्यम से राज्य के 5 जिलों गया, जमुई, सीतामढ़ी, कटिहार एवं पूर्णिया में जागरूकता फैलाने के प्रयास किया जा रहा है। इसके अंतर्गत 6 दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है और फिर यह ग्रुप किशोर स्वास्थ्य पर जागरूकता एवं शिक्षा फैलाने के प्रयास करता है। बैठक में बताया गया कि स्कूल हेल्थ एंड वेलनेस प्रोग्राम राज्य के 22 जिलों में संचालित किया जा रहा है। बैठक में पोग्स की सचिव डॉ. अमिता सिन्हा ने कहा कि लोगों के व्यव्हार में परिवर्तन लाना आवश्यक है क्योंकि तब ही किशोरियों में एनीमिया की समस्या से निजात पाया जा सकता है। फोगसी में किशोर स्वास्थ्य की चेयरपर्सन डॉ. सुप्रिया जयसवाल ने कहा कि 78 फीसदी किशोरियां सेनेटरी पैड के बारे में जानती हैं। माहवारी स्वच्छता कार्यक्रम के लिए जागरूकता की अहम भूमिका है। आईसोपार्ब की अध्यक्ष डॉ. हिमाली सिन्हा ने कहा कि किशोरावस्था में गर्भधारण मां एवं उसके बच्चे दोनों में एनीमिया का खतरा उत्पन्न करता है। बैठक में पोग्स की अध्यक्ष डॉ. मीना सामंत ने बताया कि संस्था द्वारा इससे संबंधित चिकित्सकों को हर महीने प्रजनन एवं मातृ स्वास्थ्य पर जागरूक किया जाता है।
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