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कैबिनेट का फैसला: कर्मियों की शिकायतें अधिकतम 60 दिनों में होंगी दूर

राज्य सरकार के सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मियों के सेवा मामलों तथा सेवांत लाभ का भुगतान के लिए शिकायत निवारण नियमावली को राज्य कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी। इसके तहत कर्मियों की शिकायतों का निष्पादन...

कैबिनेट का फैसला: कर्मियों की शिकायतें अधिकतम 60 दिनों में होंगी दूर
पटना। हिन्दुस्तान ब्यूरोSat, 09 Mar 2019 09:41 AM
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राज्य सरकार के सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मियों के सेवा मामलों तथा सेवांत लाभ का भुगतान के लिए शिकायत निवारण नियमावली को राज्य कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी। इसके तहत कर्मियों की शिकायतों का निष्पादन अधिकतम 60 दिनों में हो जाएगा। इसके लिए हर जिले और हर विभाग में एक-एक सेवा शिकायत निवारण पदाधिकारी की तैनाती की जाएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 23 प्रस्तावों पर सहमति मिली। 

बैठक के बाद कैबिनेट सचिवालय के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा कि कर्मियों को सभी तरह के निर्धारित सुविधाओं का लाभ सुगमता से प्राप्त हो, इसी मकसद से उक्त नियमावली बनायी गई है। 60 दिनों में अगर किसी की शिकायत दूर नहीं होती है तो जिला में जिलाधिकारी और विभाग में प्रधान सचिव / सचिव के यहां अपील का भी प्रावधान किया गया है। इसका यह भी मकसद है कि न्यायालयों में इससे संबंधित मामले कम जाएं। 

कर्मियों की हिंसात्मक घटना में मृत्यु पर विशेष पारिवारिक पेंशन 
एक सितंबर, 2005 या उसके बाद नियुक्त राज्य के सरकारी सेवकों की ड्यूटी के दौरान उग्रवादी अथवा अन्य हिंसक घटनाओं में मृत्यु होने पर विधवा/आश्रित को विशेष पारिवारिक पेंशन की सुविधा दी जाएगी। मृत्यु होने पर दस लाख का अनुग्रह अनुदान मिलेगा। इसके बाद मृतक की पत्नी को पेंशन दी जाएगी। पत्नी नहीं रहने की स्थिति में बच्चे को 25 साल की उम्र होने तक पेंशन मिलेगी। न्यूनतम 2500 महीना पेंशन दी जाएगी। साथ ही परिवार में एक को सरकारी नौकरी मिलेगी। इसी प्रकार लोकसभा, विधानसभा और उप निर्वाचन के दौरान चुनावी ड्यूटी पर प्रतिनियुक्त केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के जवान अगर हिंसात्मक घटनाओं या दुर्घटना में घायल या बीमार होते हैं तो राज्य सरकार अपने खर्च पर उनकी चिकित्सा कराएगी। 

बिजली उपभोक्ताओं को 5193 करोड़ अनुदान 
बिजली उपभोक्ताओं को मिल रहा अनुदान जारी रहेगा। विनियामक आयोग की ओर से बिजली दर तय करने के बाद राज्य सरकार ने पिछले साल की तर्ज पर इस साल भी अनुदान जारी रखने का निर्णय लिया है। राज्य कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी। अनुदान के रूप में वित्तीय वर्ष 2019-20 में बिजली उपभोक्ताओं को राज्य सरकार 5193 करोड़ देगी। अनुदान नहीं मिलने पर विनियामक आयोग की दर अगर लागू होती तो उपभोक्ताओं को गहरा झटका लग जाता। कैबिनेट बैठक के बाद ऊर्जा के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि प्रति महीने 432.75 करोड़ अनुदान राज्य सरकार उपभोक्ताओं को देगी। 5193 करोड़ सीधे एनटीपीसी को भुगतान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस साल बिजली दर में कोई वृद्धि नहीं की गई है। पिछले वर्षोँ की तर्ज पर अगले साल भी उपभोक्ताओं को सब्सिडी राज्य सरकार देगी। वहीं दूसरी ओर बिजली के जर्जर तारों को बदलने को मॉनिटरिंग और सफल क्रियान्वनय के लिए एजेंसी रखी जाएगी। इसके लिए दोनों वितरण कंपनियों को 70.80 करोड़ देने की स्वीति कैबिनेट ने दी। 

पशु विज्ञान विवि कर्मियों को पुनरीक्षित वेतनमान
बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय और इसके अधीन सभी अंगीभूत संस्थानों के शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मियों को आईसीएआर और राज्य कर्मियों के अनुरूप पुनरीक्षित वेतन देने की औपबंधिक स्वीकृति कैबिनेट ने दी। इसी प्रकार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर और इसके अंगीभूत कॉलेजों-शोध संस्थानों के शिक्षकों-वैज्ञानिकों को एक जनवरी 2016 तथा इनके गैर शैक्षणिक कर्मियों को एक अप्रैल, 2017 के प्रभाव से पुनरीक्षित वेतन का लाभ मिलेगा। 

नमामि गंगे योजना में बनेंगे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट
नमामि गंगे योजना के तहत विभिन्न शहरों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित किये जाएंगे। इससे गंगा में गंदगी का प्रवाह रुकेगा। नालों को ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ा जाएगा, जिससे गंगा में गिराने से पहले पानी को स्वच्छ किया जाएगा। भारत सरकार की इस योजना और इसमें एजेंसी कमीशन के रूप में राशि दिए जाने की स्वीकृति कैबिनेट ने दी। छपरा शहर में 242.63 करोड़, फतुहा में 35.49 करोड़, मनेर में 43.56 करोड़, बख्तियारपुर में 37.80 करोड़, सोनपुर में 30.93 करोड़ की लागत से एसटीपी बनेंगे। 

कैबिनेट के अन्य फैसले
-राज्य कर्मचारी चयन आयोग के तत्कालीन उप सचिव राजेश कुमार को ऑडिटर-कनीय अभियंता की नियुक्ति में गड़बड़ी करने को लेकर अनिवार्य सेवानिवृत्ति का दंड दिया गया  
-बिहार उद्योग क्षेत्रीय लिपिकीय संवर्ग (संशोधन) नियमावली, 2019 की स्वीकृति मिली 
-बेगूसराय जिले के भगवानपुर थाना के तियाय ओपी और उसके संचालन के लिए 21 पदों के सृजन की स्वीकृति मिली 
-पॉलिटेक्निक कॉलेजों के दस प्रचार्यों की नियुक्ति की स्वीकृति मिली, इनका चयन बिहार लोक सेवा आयोग ने किया था 
-खगड़िया के गोगरी में इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना के लिए 8.52 एकड़ भूमि विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग को नि:शुल्क दी जाएगी  
-शेखपुरा इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना के लिए 9.94 एकड़ भूमि विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग को नि:शुल्क दी जाएगी  
-गया-हिसुआ-राजगीर-बिहार शरीफ राष्ट्रीय उच्च पथ 82 के फोरलेन के लिए एनएचएआई को नि:शुल्क भूमि का हस्तांतरण होगा 
-जिला ग्रामीण विकास अभिकरण में एक अप्रैल, 1999 के पूर्व नियमित वेतनमान में नियुक्त 33 कर्मियों, जो उच्च न्यायालय के आदेश से प्रभावित नहीं हैं, की सेवा समाहरणालय में सरकारी सेवा के रूप में समायोजित की जाएगी। 

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