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गांव से लेकर शहर तक की तस्वीर संवारने पर फोकस

  बजट में शिक्षा व स्वास्थ्य को भी सरकार ने प्राथमिकता में रखा है। एक विभाग के तौर पर सबसे अधिक 20 फीसदी राशि भले ही शिक्षा विभाग पर खर्च हो, लेकिन अगर गांवों के समग्र विकास वाली योजनाओं को...

गांव से लेकर शहर तक की तस्वीर संवारने पर फोकस
हिन्दुस्तान ब्यूरो ,पटनाTue, 27 Feb 2018 08:18 PM
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बजट में शिक्षा व स्वास्थ्य को भी सरकार ने प्राथमिकता में रखा है। एक विभाग के तौर पर सबसे अधिक 20 फीसदी राशि भले ही शिक्षा विभाग पर खर्च हो, लेकिन अगर गांवों के समग्र विकास वाली योजनाओं को देखें तो एक चौथाई से अधिक राशि इस मद में खर्च होगी। सूबे की आधारभूत संरचना दुरुस्त करने के मद में भी सरकार बजट का पांचवां हिस्सा खर्च करेगी।
गांवों के विकास में ग्रामीण विकास, पंचायती राज व लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग की सीधी भूमिका होती है। बजट में इस बार ग्रामीण विकास को 15 हजार 444 करोड़, पंचायती राज को 2774 करोड़ तो पीएचईडी को 2626 करोड़ दिया गया है। तीनों विभागों को मिलाकर गांव के विकास पर 20 हजार 844 करोड़ खर्च होंगे। 
खेती व किसानी पर भी सरकार ने पूरा ध्यान दिया है। ऊर्जा विभाग को इस बार स्कीम मद में 6185 करोड़ आवंटित किया गया है। जबकि कृषि विभाग को 2743 करोड़ और लघु जल संसाधन विभाग को 530 करोड़ दिया गया है। लगभग नौ हजार करोड़ खर्च कर सरकार कृषि व किसानों के हर खेत को पानी पहुंचाने की व्यवस्था करेगी। ग्रामीणों के साथ ही पशुपालन को भी तवज्जो दिया गया है। पशुपालन विभाग को 2749 करोड़ दिया गया है। कुल योजनाकार का यह डेढ़ फीसदी से अधिक है। सहकारिता विभाग को 806 करोड़ दिया गया है। 
स्वास्थ्य पर साढ़े चार फीसदी खर्च : लोगों को सुखमय जीवन देने के लिए सरकार स्वास्थ्य विभाग पर कुल बजट का साढ़े चार फीसदी राशि खर्च करेगी। स्वास्थ्य महकमे को बजट में 7793 करोड़ दिया गया है। इसमें योजनाकार मद में 3735 करोड़ खर्च होंगे। 
सामाजिक प्रक्षेत्र पर भी पूरा ध्यान 
आर्थिक व आधारभूत संरचना को मजबूत कर रही सरकार का पूरा ध्यान सामाजिक प्रक्षेत्र पर भी है। एससी-एसटी, पिछड़ा-अतिपिछड़ा की भलाई के लिए सरकार ने 10 हजार 188 करोड़ का प्रावधान किया है। आधारभूत संरचना दुरुस्त करने के लिए सरकार ने सड़कों को प्राथमिकता में रखा है। पथ निर्माण व ग्रामीण कार्य विभाग को मिलाकर 17 हजार 397 करोड़ दिया गया है। इस पैसे से नई सड़कों का निर्माण होगा। साथ ही पुरानी सड़कों के रखरखाव मद में 1475 करोड़ खर्च किया जाएगा। 
सबसे बड़ा बजट शिक्षा का : स्कूली शिक्षा को बढ़ावा दे रही सरकार सबसे अधिक राशि शिक्षा विभाग पर खर्च करेगी। बजट में 32 हजार 125 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसमें राजस्व मद में 31 हजार 685 करोड़ तो पूंजीगत मद में 440 करोड़ खर्च करने का प्रावधान तय किया गया है। 
शहरों के विकास को कई योजनाएं हैं शुरू 
शहरों के विकास के लिए सरकार ने कई योजनाएं चला रखी है। उसे आगे बढ़ाते हुए नगर विकास विभाग को इस बार 4413 करोड़ का प्रावधान किया गया है। शहरों को स्मार्ट बनाने के साथ ही लोगों को और बेहतर शहरी सुविधा उपलब्ध कराने के मद में यह पैसा खर्च होगा। 
पीएचईडी को 2626 करोड़ 
सरकार के सात निश्चय में से एक योजना हर घर नल का जल उपलब्ध कराने की योजना को साकार करने के लिए लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को आवश्यक राशि दी गई है। स्कीम मद में पीएचईडी को 2626 करोड़ दिया गया है जो कुल योजनाकार का 2.86 फीसदी है। वैसे योजना व गैर योजना आकार को मिलाकर पीएचईडी को 3032 करोड़ दिया गया है। 

 

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