चिड़ियाघर में दो साल बाद भी नहीं आ सका एनाकोंडा
देश के टॉप टेन की सूची में शामिल पटना जू में बॉलीवुड फिल्मों में दिखने वाले विशाल ग्रीन एनाकोंडा, रायल पाइथन, नाइल क्रोकोडाइल, राइनो इगुआना दो साल बाद भी नहीं आ सके। यह सभी दुर्लभ प्रजातियों के सांप...
देश के टॉप टेन की सूची में शामिल पटना जू में बॉलीवुड फिल्मों में दिखने वाले विशाल ग्रीन एनाकोंडा, रायल पाइथन, नाइल क्रोकोडाइल, राइनो इगुआना दो साल बाद भी नहीं आ सके। यह सभी दुर्लभ प्रजातियों के सांप डेनमार्क से लाये जायेंगे।
इसके बदले यहां से सात घड़ियाल डेनमार्क भेजे जाने हैं। चिड़ियाघर में पिछले साल ही आठ मादा घड़ियालों ने 20 बच्चों को जन्म दिया था। इसी में से सात घड़ियाल डेनमार्क भेजे जाने हैं। सेंट्रल जू अथॉरिटी इसके लिए बहुत पहले ही मंजूरी दे चुकी है। देश में मैसूर, सूरत और तिरुअनंतपुरम चिड़ियाघर में ये वन्यजीव पहले से हैं।
एनाकोंडा लाने वाले तीन निदेशक बदल गए
एनाकोंडा को लाने वाले तीन जू निदेशक बदल गए और एनाकोंडा नहीं आ सका। निदेशक एस चंद्रशेखर, नंदकिशोर, कमलजीत सिंह सभी शीघ्र आने की बात करते रहे। पूर्व निदेशक कमलजीत सिंह ने जुलाई तक आने की बात कही थी। जबकि, यह योजना पूर्व निदेशक एस चंद्रशेखर के समयकाल का है।
अदला-बदली की योजना पड़ी सुस्त
पटना जू में वन्य-प्राणी अदला-बदली की योजना पूरी तरह सुस्त पड़ चुकी है। पिछले दो सालों से एक भी वन्य-प्राणियों की अदला-बदली नहीं हो सकी है। हाल में एक हड़ताली नाम की मादा गैंडा को ले जाने के लिए तमिलनाडु के वंदलूर जू से अधिकारी आए और मुआयना कर चल गए। जू में कई ऐसे वन्य-प्राणी हैं जिसकी अदला-बदली होनी है। लेकिन देश का कोई जू दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है।
ग्रीन एनाकोंडा सबसे बड़ा सांप
एनाकोंडा (दक्षिणी अमेरिका का जलसर्प) की गिनती दुनिया के सबसे बड़े सांप में होती है। इसकी लंबाई 29 फुट तक होती है। वजन 550 पाउंड तक होता है। पानी के बाहर भी एनाकोंडा लंबे समय तक रह सकता है। सिर बड़ा और गर्दन पतली होती है। बरसात वाले जंगलों व घास के मैदान के साथ ही पानी में रह लेता है। दक्षिणी अमेरिकी देशों ने इन सांपों के व्यापार पर प्रतिबंध लगा रखा है।