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बाढ़ प्रभावित जिलों में प्रभारी सचिवों को हेलीकॉप्टर से भेजा गया

मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि कोसी और सीमांचल के चार जिलों पूर्णिया, किशनगंज, अररिया और कटिहार में आयी बाढ़ में घिरे लोगों को सुरक्षति स्थानों पर ले जाने की व्यवस्था में राज्य सरकार जुट गयी...

बाढ़ प्रभावित जिलों में प्रभारी सचिवों को हेलीकॉप्टर से भेजा गया
हिन्दुस्तान टीम,पटनाSun, 13 Aug 2017 07:31 PM
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मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि कोसी और सीमांचल के चार जिलों पूर्णिया, किशनगंज, अररिया और कटिहार में आयी बाढ़ में घिरे लोगों को सुरक्षति स्थानों पर ले जाने की व्यवस्था में राज्य सरकार जुट गयी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री खुद स्थिति की समीक्षा कर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दे रहे हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी जिलों के प्रभारी सचिवों को हेलीकॉप्टर से जिलों में भेजा गया है। सभी प्रभारी मंत्रियों को अपने जिलों में जाकर मॉनिटरिंग करने का आग्रह किया गया है। मुख्य सचिव ने कहा कि आपदा प्रबंधन तथा जल संसाधन विभाग बाढ़ की स्थिति की पल-पल मॉनिटरिंग कर रहा है। उन्होंने अबतक किसी भी तटबंध के टूटने से इनकार किया। रविवार की दोपहर प्रेस कांफ्रेंस कर मुख्य सचिव ने सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी। कहा कि बाढ़ में फंसे लोगों को ऊंचे और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। फूड पैकेट गिराने की भी व्यवस्था की जा रही है। डीजीपी पीके ठाकुर, गृह सचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, डीजी होमगार्ड पीएन राय, जल संसाधन के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह, आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत के साथ प्रेस कांफ्रेंस में मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार ने सामान्य बाढ़ की तैयारी की थी, लेकिन पिछले 72 घंटों से नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों तथा बिहार के पूर्वांचल क्षेत्रों में हो रही अप्रत्याशित बारिश से पूर्णिया प्रमंडल के जिलों में जलप्लावन जैसी भयावह स्थिति हो गयी है। उन्होंने कहा कि अप्रत्याशित बारिश हुई है। पिछले दो दिनों में किशनगंज में करीब दो फीट पानी हुआ है। रोजाना 25 सेंटीमीटर बारिश हुई है। हालांकि मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि अगले एक-दो दिनों में बारिश कमेगी। यातायात बाधित श्री सिंह ने कहा कि बाढ़ से प्रमंडल मुख्यालयों से जिला मुख्यालयों का संपर्क टूट चुका है। यातायात व्यवस्था बुरी तरह बाधित है। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोग कहते हैं कि किशनगंज के कनकई नदी में 50 साल में पानी नहीं देखा गया, पर उसमें काफी पानी आ गया है। किशनगंज में शनिवार को 60 राहत शिविर बनाए गए थे, लेकिन रविवार को इन शिविरों में भी पानी पहुंच गया। अब शिविरों को ऊंचे स्थलों पर शिफ्ट किया जा रहा है। श्री सिंह ने कहा कि अब नेपाल के मध्य भाग में तेज बारिश हो रही है, इससे गंडक में पानी बढ़ सकता है। इससे कई और जिलों में बाढ़ की स्थिति विकराल हो सकती है। उधर, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया का पानी दो दिन बाद कटिहार की ओर बढ़ेगा। इन तमाम स्थितियों पर सरकार की पैनी नजर है। नाव से होगी पेट्रोलिंग पुलिस मुख्यालय ने जिलों को बाढ़ प्रभावित इलाकों में नाव से पेट्रोलिंग कराने का निर्देश दिया है, जहां से लोग घर छोड़कर कैंपों में जा रहे हैं। खाली घरों में चोरी रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। बाढ़ प्रभावित जिलों में अतिरिक्त बल भेजे गए हैं। संचार व्यवस्था में किसी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए 24 घंटे थानों के वायरलेस सेट ऑन रखने के निर्देश दिए गए हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों के थानों को अतिरिक्त बैट्री मुहैया कराई गई है। सरकार द्वारा स्थापित राहत कैंपों में भी सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं। डीजीपी पीके ठाकुर ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में सुरक्षा और संचार व्यवस्था दुरुस्त रखने के सख्त दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

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