घुटने में फ्रैक्चर पर दुनियाभर के डॉक्टरों ने साझा की नवीनतम जानकारी
34वें कंटिन्यूइंग ऑर्थोपेडिक एजुकेशन कार्यक्रम का रविवार को समापन हुआ। यह कार्यक्रम पारस एचएमआरआई और ओआरईएफ के तत्वावधान में आयोजित किया गया था। इसमें देशभर के हड्डी रोग विशेषज्ञों के साथ चीन और...

34वें कंटिन्यूइंग ऑर्थोपेडिक एजुकेशन कार्यक्रम (सीओई) का रविवार को समापन हुआ। पारस एचएमआरआई और ऑर्थोपेडिक रिसर्च एंड एजुकेशन फाउंडेशन इंडिया (ओआरईएफ) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ। कार्यक्रम का मुख्य विषय ‘घुटने के जोड़ के आसपास के फ्रैक्चर रहा। इसे बिहार आर्थोपेडिक एसोसिएशन ने समर्पित किया। इस कार्यक्रम में देशभर के प्रमुख हड्डी रोग विशेषज्ञों के साथ चीन और थाइलैंड के डॉक्टरों ने भी ऑनलाइन माध्यम से हिस्सा लिया। कार्यक्रम की शुरुआत ऑर्थोपेडिक डायरेक्टर डॉ. जॉन मुखोपाध्याय, जेनेरल सर्जरी के डायरेक्टर डॉ.एए हई आदि ने की। ओआरईएफ के चेयरमैन और आयोजन अध्यक्ष डॉ. जॉन मुखोपाध्याय ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य हड्डी रोग विशेषज्ञों के ज्ञान और कौशल को उन्नत करना है। अंतरराष्ट्रीय सत्र में चीन और थाइलैंड के डॉक्टरों ने उन्नत फ्रैक्चर प्रबंधन और नवीनतम तकनीकों पर ऑनलाइन प्रेजेंटेशन दिया। आयोजन के दौरान उपस्थित विशेषज्ञों ने हड्डी रोग सर्जनों को नई तकनीकों और उपचार विधियों से अवगत कराने के उद्देश्य से अपने अनुभव साझा किए।
दो दिवसीय इस आयोजन में इंदौर के डॉ. (प्रो.) डीके तनेजा, कोलकाता के डॉ. राजीव चटर्जी, मुजफ्फरनगर के डॉ. मुकेश जैन, गंगा हॉस्पिटल कोयंबटूर के डॉ. दीन दयालन, और एम्स दिल्ली के डॉ. विवेक त्रिखा, अंतरराष्ट्रीय सत्र में चीन, थाइलैंड और बिहार के अनुभवी विशेषज्ञ ने उन्नत फ्रैक्चर प्रबंधन और नवीनतम तकनीकों पर अपने विचार प्रस्तुत किए। पारस एचएमआरआई के फैसिलिटी डायरेक्टर अनिल कुमार ने कहा कि पटना के लिए यह गर्व की बात है कि ऐसा उच्चस्तरीय आयोजन यहां हुआ।
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