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टाल के विकास को बनी 19 सौ करोड़ की योजना : मंत्री

जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि टाल क्षेत्र के विकास के लिए राज्य सरकार ने लगभग 19 सौ करोड़ की योजना बनाई है। इस योजना पर आमलोगों की राय लेने की आज अंतिम तारीख है। उसके बाद...

टाल के विकास को बनी 19 सौ करोड़ की योजना : मंत्री
हिन्दुस्तान टीम,पटनाMon, 30 Jul 2018 06:37 PM
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जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि टाल क्षेत्र के विकास के लिए राज्य सरकार ने लगभग 19 सौ करोड़ की योजना बनाई है। इस योजना पर आमलोगों की राय लेने की आज अंतिम तारीख है। उसके बाद इसे मंजूरी के लिए केन्द्र के पास भेजा जाएगा। बाढ़ से निपटने की पूरी तैयारी कर ली गई है। कोसी, बागमती और गंडक में 24 घंटा पहले बाढ़ पूर्वानुमान की व्यवस्था हो गई है। मंत्री ने सोमवार को सूचना भवन में प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी। उनके साथ प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह भी थे।

मंत्री ने बताया कि दो वर्षों में सिंचाई की 13 योजनाओं को पूरा कर उनका उद्घाटन कर दिया गया। इस साल एक लाख 29 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र में सिंचाई की व्यवस्था करने की योजना है। कहा कि टाल विकास के लिए बनी नई योजना राज्य मद से चली योजना के अतिरिक्त है। नई योजना में टाल को दो क्षेत्रों में बांटा जाएगा। एक क्षेत्र को जल जमाव से मुक्त किया जाएगा। दूसरे क्षेत्र में भी जाने वाली नदियों के पानी का उपयोग बांध और बीयर बनाकर वहां पहुंचने से पहले ही कर लिया जाएगा। इसके अलावा कई स्लुइस गेट और कई बांध भी बनाने की योजना है। मालूम हो कि टाल इलाके का क्षेत्रफल 1.60 लाख हेक्टेयर है। इसमें मुख्यत: पटना जिले के बड़हिया और मोकामा का बड़ा भूभाग, जबकि बाढ़ का कुछ हिस्सा शामिल है।

बाढ़ से निपटने की पूरी तैयारी

मंत्री ने बताया कि बाढ़ से निपटने की पूरी तैयारी कर ली गई है। 1250 करोड़ की लागत से बाढ़ सुरक्षा के लिए बनी सभी 423 योजनाएं पूरी कर ली गई हैं। सभी इंजीनियरों को निर्देश दिया गया है कि किसी भी हाल में अपने प्रतिनियुक्ति के स्थान को न छोड़ें। सभी संवेदनशील और अति संवेदनशील स्थलों को चिह्नित कर वहां आपातकाल से निपटने की तैयारी कर ली गई है। 15 फ्लड फाइटिंग टीम को प्रतिनियुक्त किया गया है। इसमें अनुभवी और रिटायर इंजीनियरों को रखा गया है। इसके अलावा भी 12 वरीय अधिकारी को अति संवेदनशील स्थलों पर तैनात किया गया है। सिंचाई के इंजीनियरों को भी बाढ़ के काम में लगाया गया है।

एमपी को पानी छोड़ने को लिखा पत्र

मंत्री ने कहा कि सोन में पानी काफी है। लिहाजा मध्य प्रदेश को पत्र लिखकर वाणसागर को पानी छोड़ने का आग्रह किया गया है। वर्ष 2016-17 में रिकॉर्ड 26.70 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की गई थी। गत वर्ष भी 19.54 लाख हेक्टेयर में यह सुविधा दी गई।

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