कैबिनेट की मुहर के बाद बिहार के 12 जिले हुए पूर्णत: सूखाग्रस्त
राज्य के 69 नये प्रखंडों को सूखा प्रभावित घोषित करने के प्रस्ताव पर राज्य कैबिनेट ने शनिवार को मुहर लगा दी। इस तरह राज्य के दर्जनभर जिले पूर्णत: सूखाग्रस्त घोषित हो गए। इन जिलों के हर किसान को आपदा...
राज्य के 69 नये प्रखंडों को सूखा प्रभावित घोषित करने के प्रस्ताव पर राज्य कैबिनेट ने शनिवार को मुहर लगा दी। इस तरह राज्य के दर्जनभर जिले पूर्णत: सूखाग्रस्त घोषित हो गए। इन जिलों के हर किसान को आपदा प्रबंधन के प्रावधान के अनुसार सरकारी सहायता मिलेगी। साथ ही सूखा प्रभावित जिलों की संख्या भी 23 से बढ़कर 24 हो गई।
कृषि विभाग ने 69 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित करने का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा था। ये सभी प्रखंड पहले से सूखा प्रभावित 23 जिलों के ही हैं। बाजपट्टी प्रखंड का नाम इस सूची में जुड़ जाने से सीतामढ़ी सूखा प्रभावित 24वां जिला हो गया। इसी के साथ नालंदा, नवादा, गया, जमुई, शेखपुरा, दरभंगा, समस्तीपुर, सारण, सीवान, गोपालगंज, बांका और सहरसा जिले पूरी तरह से सूखाग्रस्त घोषित हो गए। इन जिलों के सभी प्रखंड सूखाग्रस्त की सूची में आ गए।
विभाग ने दूसरी बार खेतों में लगी फसल की स्थिति की जानकारी लेने के लिए अधिकारियों को जिलों में भेजा था। उन्हीं अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर नये जिलों का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया था। ऐसे सरकार में इस प्रस्ताव पर सहमति पहले ही बन गई है। केवल संचिका पर मुहर लगना बाकी थी।
राज्य सरकार ने 23 जिलों के 206 प्रखंडों को 15 अक्टूबर को ही सूखा प्रभावित क्षेत्र घोषित किया था। इन सभी प्रखंडों के किसानों को आपदा प्रबंधन के प्रवधानों के तहत सुविधाएं मिलेंगी। साथ ही लोन और लगान आदि की वसूली भी स्थगित रहेगी। उसी दिन यह कहा गया था कि आकलन के बाद कुछ और प्रखंडों को इस श्रेणी में लाया जा सकता है। उसी निर्देश के तहत विभाग ने फिर से आकलन कराया और 69 नये प्रखंडों की सूची सरकार को भेजी थी।