बिहार के किसी भी हिस्से से 4 घंटे में पहुंचेंगे पटना, अगले पांच सालों में बिछेगा एक्सप्रेसवे का जाल
अगले 5 वर्षों में बिहार के किसी भी हिस्से से 4 घंटे में पटना पहुंचने के लिए एक्सप्रेसवे और हाइवे बनाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रस्तावित और निर्माणाधीन चार एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट की समीक्षा की।
अगले पांच सालों में बिहार के किसी कोने से चार घंटे में पटना पहुंचने का लक्ष्य है। इसकी कार्ययोजना प्रस्तावित है। इसके तहत राज्य में नए एक्सप्रेस वे-हाइवे के निर्माण के लिए कार्यवाही की जा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गुरुवार को हुई समीक्षा बैठक में ये बातें सामने आईं। सीएम ने पटना स्थित एक अणे मार्ग के संकल्प में बिहार में प्रस्तावित एवं निर्माणाधीन चार एक्सप्रेस-वे और हाइवे को लेकर उच्चस्तरीय बैठक की।
इसमें मुख्यमंत्री ने कहा कि इन एक्सप्रेसवे के निर्माण से राज्य में आवागमन को और गति मिलेगी। राज्य के किसी कोने से राजधानी पटना 4-5 घंटे में पहुंचने के लिए सड़कों का नेटवर्क विकसित किया गया है। उन्होंने इनके लिए भू-अर्जन का काम ठीक ढंग से समय पर सुनिश्चित करायें और इस कार्य में लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
समीक्षा के क्रम में मुख्य सचिव ने बताया कि इन चार प्रमुख परियोजनाओं के तहत 1575 किसोमीटर एक्सप्रेस-वे पथ के निर्माण पर 84 हजार 734 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें बिहार में पथों की लंबाई 1063 किलोमीटर होगी और इस पर 59 हजार 173 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
इन एक्सप्रेसवे की हुई समीक्षा:
1. गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे
बिहार के आठ जिलों पश्चिमी एवं पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया एवं किशनगंज से होकर गुजरेगा। 600 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे का 415 किमी हिस्सा बिहार में होगा। इसके लिए 100 मीटर चौड़ाई में जमीन अधिग्रहण किया जाना है।
2. रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे
नेपाल बॉर्डर पर रक्सौल में अवस्थित अंतर्राष्ट्रीय चेक पोस्ट से निकटतम बंदरगाह हल्दिया से त्वरित संपर्कता प्रदान करने के दृष्टिकोण से इस परियोजना का निर्माण किया जा रहा है। 702 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे का 367 किमी हिस्सा बिहार में पड़ेगा। यह बिहार में पूर्वी चंपारण, शिवहर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, जमुई तथा बांका जिलों से होकर गुजरेगा। इसके लिए 100 मीटर चौड़ाई में भूमि अधिग्रहण किया जाना है।
3. पटना-पूर्णिया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे
इसे पटना रिंग रोड में प्रस्तावित दिघवारा ब्रिज से प्रारंभ होकर पूर्णिया तक बनाया जाएगा। यह 250 किमी लंबा एक्सप्रेसवे होगा, जो सारण, वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, सहरसा, मधेपुरा एवं पूर्णिया जिलों से होकर गुजरेगा। इसके लिए 100 मीटर चौड़ाई में भू-अर्जन किया जाना है।
4. आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे
इस एक्सप्रेसवे से बोधगया-राजगीर की संपर्कता बढ़ाने हेतु 4 लेन स्तर का निर्माण किया जाना है। इसके लिए 45 मीटर चौड़ाई में भूमि अधिग्रहण किया जाएगा।
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