
पटना में वाटर मेट्रो का रास्ता खुला, बिहार पर्यटन का केंद्र की अथॉरिटी से हुआ एमओयू
संक्षेप: पटना में वाटर मेट्रो चलाने के लिए बिहार सरकार के पर्यटन विभाग ने केंद्र सरकार की अथॉरिटी से एमओयू किया है। बिहार की राजधानी में वाटर मेट्रो सेवा जल्द शुरू होगी।
बिहार की राजधानी पटना में वाटर मेट्रो सेवा शुरू करने की राह खुल गई है। इसके लिए बिहार और केंद्र सरकार के बीच एमओयू हुआ है। गुजरात के भावनगर में शनिवार को बिहार पर्यटन विभाग और केंद्र सरकार के भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए। इस पहल का उद्देश्य पटना शहर में पर्यटन अनुकूल शहरी जल परिवहन प्रणाली का विकास और संवर्धन करना है। इससे नागरिकों को सुरक्षित, पर्यावरण के अनुकूल और आधुनिक परिवहन विकल्प उपलब्ध होंगे।
पर्यटन विभाग की ओर से शनिवार को बताया गया कि इस परियोजना के तहत अत्याधुनिक हाइब्रिड इलेक्ट्रिक कैटामरान जलयान 'एमवी निशादराज' जैसे पोत संचालित किए जाएंगे, जो बैटरी और हाइब्रिड मोड दोनों में चलने में सक्षम हैं। बता दें कि केरल के कोच्चि की तर्ज पर देश भर के कई शहरों में वाटर मेट्रो चलाने की योजना है। इसमें पटना भी शामिल है।
पटना के दीघा घाट, एनआईटी घाट, गाय घाट और कंगन घाट को वाटर मेट्रो से जोड़ा जाना प्रस्तावित है। बीते दिनों केरल से आई एक टीम ने पटना के अलावा सोनपुर और हाजीपुर में भी सर्वे किया था। ऐसे में पटना से इन दोनों शहरों के बीच भी वाटर मेट्रो चलाई जा सकती है।
क्या है वाटर मेट्रो
यह पानी पर चलने वाली मेट्रो होती है। यह एक तरह की नाव होती है जिसे लगभग 100 लोगों के बैठने और खड़े रहने की क्षमता होती है। शहर के भीषण जाम और बस-ऑटो की भीड़भाड़ से बचने के लिए इसे सार्वजनिक परिवहन के नए विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। मेट्रो ट्रेन की तर्ज पर वाटर मेट्रो को निश्चित जगहों के बीच चलाया जाता है। इसका किराया भी मेट्रो और बसों के जितना ही होता है।
(हिन्दुस्तान ब्यूरो के इनपुट के साथ)





