प्रशांत किशोर के छात्र संसद बुलाने पर पुलिस को ऐतराज, इजाजत ना देने की बताई वजह
जिला प्रशासन ने जन सुराज द्वारा रविवार को गांधी मैदान के गांधी मूर्ति के पास आयोजित छात्र संसद कार्यक्रम पर रोक लगा दी है। प्रशासन ने कहा है कि अनुमति नहीं दी जा सकती है, क्योंकि विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

पटना में प्रदर्शन कर रहे बीपीएससी छात्रों के समर्थन में जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने आज छात्र संसद बुलाने का ऐलान किया है। लेकिन पटना जिला प्रशासन ने गांधी मैदान में छात्र संसद बुलाने की इजाजत नहीं दी है। जिला प्रशासन ने जन सुराज द्वारा रविवार को गांधी मैदान के गांधी मूर्ति के पास आयोजित छात्र संसद कार्यक्रम पर रोक लगा दी है। प्रशासन ने कहा है कि अनुमति नहीं दी जा सकती है, क्योंकि विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है। एडीएम विधि व्यवस्था राजेश रोशन ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को भेजे गए पत्र में कहा है कि गांधी मैदान में किसी प्रकार के कार्यक्रम करने के पहले प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय से अनुमति लेना अनिवार्य होता है। साथ ही संबंधित थाना का एनओसी लेना भी जरूरी है।
इससे पहले बीपीएससी पीटी रद्द करने के लिए गर्दनीबाग में अभ्यर्थियों का धरना शनिवार को दसवें दिन भी जारी रहा। उनके समर्थन में जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर भी पहुंचे। आधे घंटे तक उन्होंने अभ्यर्थियों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि यहां होनेवाली कोई परीक्षा ऐसी नहीं है जो बिना किसी अनियमितता, भ्रष्टाचार और पेपर लीक के हो जाए। उन्होंने अभ्यर्थियों के समर्थन में रविवार को गांधी मैदान स्थित गांधी मूर्ति के पास छात्र संसद बुलाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि साथ यह आंदोलन छात्रों का है, इसका नेतृत्व भी छात्रों का ही रहेगा।
हमारी भूमिका सिर्फ इतनी है कि हम छात्रों के साथ पूरी ताकत से खड़े रहेंगे। अगर पुलिस प्रशासन छात्रों को किसी प्रकार से डराने व धमकाने का कोई प्रयास करेगा तो जन सुराज की ओर से और बिहार के नागरिक होने के नाते पूरी ताकत से छात्रों के साथ खड़े रहेंगे। बिहार लोकतंत्र की जननी है। कोई इसको लाठीतंत्र नहीं बना सकता है।
उधर, पीके के पहुंचने की सूचना पर काफी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। ताकि प्रशांत किशोर के साथ अभ्यर्थी मार्च नहीं निकाल सकें। शाम चार बजे तक गहमागहमी बनी रही। जब प्रशांत निकल रहे थे उस समय उनके साथ अभ्यर्थियों और समर्थकों का हुजूम चलने लगा। इसे देख पुलिस ने अस्पताल के सामने वाले गेट को बंद कर दिया। उन्हें कुछ देर तक गेट के पास ही रुकना पड़ा। इसे देख उनके समर्थक हंगामा करने लगे। जब पुलिस कर्मियों को बताया गया कि वह घर जा रहे हैं, तब दूसरे गेट से उन्हें बाहर निकाला गया।
इधर भाकपा माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि सरकार का दमनात्मक और अड़ियल रवैया निंदनीय है। उन्होंने मांग की कि सरकार छात्रों की मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार करे।