
50 लाख में इंजीनियर और 15 लाख में टीचर, पटना में नौकरी के सौदागर; कई अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट मिले
संक्षेप: 15 अन्य सदस्यों की तलाश में पुलिस अलग-अलग इलाकों में दबिश डाल रही है। सिटी एसपी (पूर्वी) परिचय कुमार ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर मीठापुर स्थित होटल माधो इंटरनेशनल में छापेमारी की गई। होटल के एक कमरे में नालंदा जिले के भगवानपुर गांव निवासी अजय कुमार सिन्हा ठहरा हुआ था।
बिहार की राजधानी पटना में पैसे लेकर नौकरी दिलवाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। जक्कनपुर थाने की पुलिस ने रविवार को मीठापुर स्थित एक होटल में छापामारी कर पैसा लेकर नौकरी दिलाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के दो सदस्यों को होटल से गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में पता चला है कि यह गिरोह बीपीएससी से अभियंता की बहाली के लिए 50 लाख और शिक्षक बहाली के लिए अभ्यर्थियों से 15 लाख रुपये में सौदा तय करते थे।
होटल से 23 अभ्यर्थियों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र और कई बैंकों के चेक भी बरामद किए गए हैं। गिरोह के 15 अन्य सदस्यों की तलाश में पुलिस अलग-अलग इलाकों में दबिश डाल रही है। सिटी एसपी (पूर्वी) परिचय कुमार ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर मीठापुर स्थित होटल माधो इंटरनेशनल में छापेमारी की गई। होटल के एक कमरे में नालंदा जिले के भगवानपुर गांव निवासी अजय कुमार सिन्हा ठहरा हुआ था।
उसके पास से कई अभ्यर्थियों का मूल शैक्षणिक प्रमाण पत्र बरामद किया गया है। पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि सभी शैक्षणिक प्रमाण पत्र समस्तीपुर जिले के भोजपुर गांव निवासी उदय कुमार झा उर्फ अविनाश कुमार का है। उसने मुझे रखने के लिए दिया है। वे दो दिन बाद सभी कागजात लेकर उनके पास जाएंगे। पुलिस ने इस मामले में 23 अगस्त को उदय कुमार झा को उसके समस्तीपुर स्थित घर से पूछताछ के लिए जक्कनपुर थाना ले आई।
पूछताछ में उदय कुमार ने बताया कि अजय कुमार सिन्हा से उनकी पुरानी जान-पहचान है। नौकरी लगवाने के लिए विद्यार्थियों से मोटी रकम ली जाती है। कोई अपनी बात से मुकरे नहीं इसके लिए उसके मूल शैक्षणिक प्रमाणपत्र रखा लिया जाता है। इस दौरान बाकी रकम के लिए साइन किया हुआ ब्लैंक चेक भी लेते हैं। काम होने के बाद पैसा लेकर मूल प्रमाणपत्र लौटा दिया जाता है।
जहां परीक्षा होती थी, वहां केंद्र मैनेज करते थे
एसपी सिटी के मुताबिक गिरफ्तार बदमाशों ने बताया कि जहां भी परीक्षा होती थी, वहां सेंटर मैनेज करते थे। जिन अभ्यर्थियों के मूल प्रमाणपत्र लेते थे, उन्हीं के लिए परीक्षा केंद्र पर अलग व्यवस्था की जाती थी। हालांकि उन्होंने अभी तक किसी अभ्यर्थी को पैसा लेकर नौकरी दिलाई है या नहीं, इसका प्रमाण अभी नहीं मिला है। इस मामले की जांच की जा रही है।
कई बैंकों के हस्ताक्षर किए हुए चेक भी बरामद हुए हैं। वहीं कई चेक बगैर हस्ताक्षर के हैं। अब तक की तहकीकात में यह बात सामने आई है कि गिरोह के कई सदस्य शामिल हैं।अब तक 15 अन्य नाम सामने आए हैं जिसकी तलाश में छापेमारी की जा रही है। इस मामले में जक्कनपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
अलग-अलग परीक्षाओं के लिए तय थी राशि
सिटी एसपी ने बताया कि गिरफ्तार दोनों आरोपितों ने पूछताछ में यह भी खुलासा किया कि टीईटी परीक्षा के लिए दो लाख, बीपीएससी इंजीनियरिंग (कनीय अभियंता और सहायक अभियंता पद के लिए) की परीक्षा में 50 लाख, शिक्षक भर्ती परीक्षा (टीआरई) में 15 लाख और एएनएम की परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों से छह लाख लेते हैं। होटल के कमरे से मिले 23 अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की छानबीन चल रही है।





