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खुशखबरी! पटना-गया-डोभी एनएच-83 के सभी लेन 30 सितंबर से होंगे चालू, ढाई घंटे में पहुंच जाएंगे झारखंड

पटना से झारखंड की दूरी दो से ढाई घंटे में तय कर सकेंगे। इसके साथ ही बोधगया से पटना बाईपास होते हुए बख्तियारपुर-मोकामा की तरफ और अनिसाबाद-आरा-बक्सर की तरफ जाने में सुविधा होगी।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान, पटनाTue, 10 Sep 2024 12:36 AM
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पटना-गया-डोभी एनएच-83 के सभी लेन को 30 सितंबर से चालू कर दिए जाएंगे। साथ ही 127.217 किलोमीटर लंबे एनएच के बीच आने वाले रेलवे ओवरब्रिज के दो लेन भी वाहनों के लिए चालू कर दिया जायेगा। इस बात की जानकारी सोमवार को एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने पटना हाईकोर्ट में प्रगति रिपोर्ट पेश कर दी। इस मामले पर सोमवार को सुनवाई हुई। गत सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पितृपक्ष के पूर्व कम से कम दो लेन यातायात के लिए चालू करने का निर्देश दिया था। 

वहीं विद्युत विभाग, जिला प्रशासन और एनएचएआई को आपस में बैठक कर निर्माण कार्य को कैसे समय पर पूरा करना है, इसके बारे में निर्णय लेने का का निर्देश दिया था। कोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण में हाई टेंशन तार और अन्य कारणों से आ रही बाधाओं का समाधान शीघ्र निकालने का भी निर्देश दिया था। साथ ही बाधाओं को दूर करने के लिए समय सीमा तय करने की बात भी कही थी।

कमेटी बनाई गई थी

कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए इस राजमार्ग के निर्माण में आने वाली समस्याओं का निरीक्षण कर रिपोर्ट देने के लिए अधिवक्ताओं की एक कमेटी गठित की थी। कमेटी ने रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर निर्माण कार्य की वास्तविक स्थिति को बताया था। मामले पर सुनवाई 4 अक्टूबर को होगी।

सड़क चालू होने से झारखंड जाने में होगी सुविधा

पटना-गया-डोभी फोरलेन चालू होने से पटना के लोगों को झारखंड जाने में सुविधा होगी और समय का भी बचत होगा। वर्तमान में गया और जहानाबाद में लोगों को जाम से जूझना पड़ता था। लेकिन दोनों जगह पर बाईपास बनने के कारण लोग पटना से झारखंड की दूरी दो से ढाई घंटे में तय कर सकेंगे। इसके साथ ही बोधगया से पटना बाईपास होते हुए बख्तियारपुर-मोकामा की तरफ और अनिसाबाद-आरा-बक्सर की तरफ जाने में सुविधा होगी।

पटना से डोभी के बीच 127 किलोमीटर लंबे फोरलेन और 5 रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) का निर्माण होना है। लेकिन जमीन अधिग्रहण के कारण फोरलेन के निर्माण में विलंब हुआ। इसका डीपीआर वित्तीय वर्ष 2010-11 में तैयार हुआ था। लेकिन निर्माण के दौरान कई समस्याएं आई। जिस कारण 2020 के दिसंबर से फोरलेन का निर्माण कार्य तेजी से प्रारंभ हुआ। इसके निर्माण में लगभग 2100 और जमीन अधिग्रहण में लगभग 3200 करोड़ रुपये का खर्च आया है।

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