Hindi NewsBihar NewsOnce friends now rivals Lalu campaigns against Ram Kripal and Shyam Rajak
कभी थे साथी, अब बन गए विरोधी; लालू ने राम कृपाल और श्याम रजक के खिलाफ चुनाव प्रचार किया

कभी थे साथी, अब बन गए विरोधी; लालू ने राम कृपाल और श्याम रजक के खिलाफ चुनाव प्रचार किया

संक्षेप: कभी साथी रहे, अब विरोधी बन गए हैं। रामकृपाल यादव और श्याम रजक दो ऐसे ही नाम हैं। जो कभी राजद चीफ लालू यादव के करीबी और भरोसेमंदों में एक थे, वो आज विरोधी हैं। दानापुर सीट से रामकृपाल बीजेपी प्रत्याशी और फुलवारी शरीफ से श्याम रजक जदयू प्रत्याशी हैं, जिनके खिलाफ लालू ने जोरदार चुनाव प्रचार किया।

Tue, 4 Nov 2025 08:07 PMsandeep लाइव हिन्दुस्तान, पटना
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Bihar Election 2025: सियासत में कब करीबी विरोधी बन जाएं, और विरोधी अपने हो जाएं कोई नहीं जानता। कुछ ऐसी ही तस्वीर बिहार चुनाव में दिख रही है। राजद चीफ लालू यादव के कभी करीबी रहे रामकृपाल यादव और श्याम रजक अब विरोधी हो गए हैं। बिहार चुनाव में प्रचार में उतरे लालू यादव ने दोनों के खिलाफ जोरदार प्रचार किया। रामकृपाल दानापुर सीट से बीजेपी प्रत्याशी हैं, तो वहीं श्याम रजक फुलवारी शरीफ सीट से जदयू के प्रत्याशी हैं। पहले चरण के चुनाव प्रचार के आखिरी दिन लालू यादन ने फुलवारी शरीफ में महागठबंधन के सीपीआई-माले प्रत्याशी गोपाल रविदास के पक्ष में वोट मांगे, और रोड शो निकाला।

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लालू यादव ने श्याम रजक के खिलाफ किया प्रचार

इस दौरान लालू ने श्याम रजक पर हमला बोलते हुए कहा कि जो लोग पार्टी बदलते हैं, वो कभी जन के हितैषी नहीं हो सकते हैं। लालू ने महागठबंधन प्रत्याशी को भारी बहुमत से जिताने की अपील की। लालू के रोड शो में भारी भीड़ उमड़ी। कभी श्याम रजक भी लालू की राजद में थे, और उनके करीबियों में उनकी गिनती होती है। लेकिन फिर वो जदयू में चले गए। और अब जेडीयू प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में हैं।

दानापुर में रीतलाल Vs रामकृपाल यादव

वहीं 3 अक्टूबर को लालू यादव ने दानापुर के मौजूदा विधायक और राजद प्रत्याशी रीतलाल यादव के लिए समर्थन मांगा। इस दौरान उन्होने भाजपा कैंडिडेट और एक जमाने में साथी रहे रामकृपाल पर हमला बोला। उन्होने विश्वासघात का आरोप लगाते हुए राजद प्रत्याशी को जिताने की अपील की। आपको बता दें दानापुर से आरजेडी प्रत्याशी रीतलाल रंगदारी मामले में भागलपुर जेल में बंद है।

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वहीं वहीं रामकृपाल यादव ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लालू यादव एक आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार के चुनाव प्रचार में शामिल हो रहे हैं। उनका उम्मीदवार इस समय जेल में है, फिर भी वे उसके लिए प्रचार कर रहे हैं। वो कहीं नहीं गए दानापुर में प्रचार करने आए।

2020 में दानापुर और फुलवारी शरीफ महागठबंधन जीती

2020 के चुनाव की बात करें तो दानापुर से राजद से रीतलाल की जीत हुई थी। वहीं फुलवारी शरीफ की सीट से सीपीआई-माले के गोपाल रविदास जीते थे। जेडीयू के अरुण मांझी दूसरे नंबर पर रहे थे। वहीं बात अगर लोकसभा चुनाव 2024 की करें तो लालू यादव की बेटी मीसा भारती ने पाटलिपुत्र सीट से राम कृपाल यादव को हराया था। अब एक बार फिर वे दानापुर में लालू के कैंडिडेट के खिलाफ खड़े हैं।

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