Hindi Newsबिहार न्यूज़No power cut during heave storm and rain know NBPDCL new initiative

अब आंधी-पानी में नहीं कटेगी बिजली, NBPDCL लगा रहा बंगाल वाली स्पाइक अर्थिंग; क्या है यह टेक्निक?

नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (एनबीपीडीसीएल) ने इसे मुजफ्फरपुर समेत अन्य जिलों के लिए हरी झंडी दे दी है। फिलहाल पायलट प्रॉजेक्ट के तौर पर इसे अपनाया जा रहा है। इसके लिए राशि का भी प्रावधान किया जा रहा है। सफल होने पर अन्य जिलों में लागू होगा।

Sudhir Kumar हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुर, सोमनाथ सत्योमSat, 10 Aug 2024 05:10 AM
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बिहार में तेज आंधी, बारिश या अन्य आफत की स्थिति में बिजली चला जाना आम बात है। बिजली विभाग भी इन आपदाओं की आड़ में अपनी नाकामी छुपा लेता है। लेकिन नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी द्वारा एक ऐसी तकनीक विकसित किया जा रहा है जिसमें आंधी, बारिश व वज्रपात से बिजली डिस्टर्व नहीं होगा। इसके सात बिजली क के नुकसान को कम किया जा सकेगा। इसके लिए स्पाइक अर्थिंग का प्रयोग किया जाएगा। जिले के चार विद्युत संचरण लाइन में से एक में ट्रायल के तौर पर स्पाइक अर्थिंग लगायी जाएगी।

नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (एनबीपीडीसीएल) ने इसे मुजफ्फरपुर समेत अन्य जिलों के लिए हरी झंडी दे दी है। फिलहाल पायलट प्रॉजेक्ट के तौर पर इसे अपनाया जा रहा है। इसके लिए राशि का भी प्रावधान किया जा रहा है। मुजफ्फरपुर जिले के कुढ़नी, कांटी, औराई, कटरा, गायघाट, कांटी, मड़वन आदि प्रखंडों की बिजली संचरण लाइन में इंसुलेटर जलने, तार जलने, ब्रेक डाउन आदि की समस्या बारिश के दिनों में अधिक होती है। नतीजतन बिजली आपूर्ति प्रभावित रहती है।

हाल ही में उत्तर बिहार में आई तेज आंधी-बारिश के दौरान वज्रपात हुआ था। इसकी चपेट में आने से मुजफ्फरपुर के कांटी, मड़वन, कुढ़नी, औराई और मीनापुर में आपूर्ति प्रभावित हो गयी थी। कुढ़नी, कांटी व मड़वन में छह दिनों तक आपूर्ति बाधित रही थी। बिजली कंपनी को राजस्व के नुकसान के साथ उपभोक्तओं का आक्रोश भी झेलना पड़ा था। इस स्थिति से निबटने के लिए स्पाइक अर्थिंग की योजना पर फोकस किया गया है। एक सप्ताह के अंदर इसपर काम शुरू हो जाने की संभावना है।

सर्किल में होगा प्रयोग

एनबीपीडीसीएल के एक इंजीनियर ने बताया कि स्पाइक अर्थिंग का इस्तेमाल पश्चिम बंगाल में बिजली संचरण लाइन में किया जा रहा है। इससे वहां तेज आंधी, बारिश व वज्रपात में भी बिजली आपूर्ति बहुत प्रभावित नहीं होती है। इसी को देखते हुए एनबीपीडीसीएल ने स्पाइक अर्थिंग के इस्तेमाल को लेकर योजना तैयार की है। अधीक्षक अभियंता पंकज राजेश ने बताया कि फिलहाल यह किशनगंज में प्रयोग किया जाएगा। सफल होने पर मुजफ्फरपुर सर्किल में भी लगाया जाएगा।

क्या है स्पाइक अर्थिंग

स्पाइक अर्थिंग का उपयोग 11 केवी व 33 केवीए पोल के लिए किया जाएगा। इसमें 25 गुणा 6 मिमी, 1.5 मीटर जीएल फ्लैट, 2.5 मीटर लंबा स्पाइक अर्थिंग इलेक्ट्रोड होता है, जिसमें आवश्यक छेद होता है। इसका उपायेग अक्सर सिस्टम के इंसुलेशन को आंधी और मूसलाधार बारिश के दौरान बिजली के नुकसान से बचाने के लिए किया जाता है।

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