कोमल सिंह को गायघाट से लड़ाने के लिए सीट की छीना-झपटी में चिराग पिछड़े, नीतीश ने बाजी मारी
संक्षेप: एनडीए में मुजफ्फरपुर की गायघाट सीट पर दो दलों को लड़ाना कोमल सिंह को ही था, लेकिन टिकट कौन देगा, इस पर दोनों लड़ गए। चिराग की लोजपा-आर सीट अपनी तरफ गिन रही थी, लेकिन नीतीश की जेडीयू ने वापस लेकर कोमल को टिकट दे दिया।

बिहार चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के अब तक उलझे सीट बंटवारे में वैसे तो नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी- रामविलास (एलजेपी-आर) के बीच सीटों की छीनाझपटी है, लेकिन मुजफ्फरपुर के गायघाट से दोनों की संभावित उम्मीदवार कोमल सिंह ही थीं। चिराग की पार्टी ने इस सीट को अपनी लिस्ट में गिन लिया था, लेकिन जेडीयू की कई सीटें लोजपा को देने से भड़के नीतीश कुमार ने गायघाट सीट वापस लेकर कोमल सिंह को टिकट दे दिया। गायघाट से 2020 में जेडीयू के महेश्वर यादव राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के निरंजन राय से 7566 वोट से हार गए थे। लोजपा कैंडिडेट के तौर पर कोमल ने लगभग 37 हजार वोट के साथ तीसरा स्थान पाया था।
आप सोच रहे होंगे कि कोमल सिंह में ऐसी क्या खास बात है कि एक-दूसरे को कांटने-छांटने में लगे नीतीश और चिराग की पार्टी एक ही कैंडिडेट को लड़ाने के लिए झगड़ रहे थे। कोमल सिंह जेडीयू नेता अशोक चौधरी से भी ज्यादा बड़े ‘सर्वदलीय’ परिवार से आती हैं। अशोक चौधरी तो खुद जेडीयू में हैं और बेटी शांभवी चौधरी लोजपा-आर की सांसद हैं। लेकिन कोमल सिंह की मां लोजपा-आर की सांसद वीणा देवी हैं और पिता दिनेश प्रसाद सिंह जदयू के विधान पार्षद हैं। वो पिछले महीने ही चिराग पासवान के सम्मेलन में नजर आई थीं। उनका टिकट दोनों दलों से तय चल रहा था। सीट किसे मिलेगी, सिर्फ इतना ही प्रश्न था।
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कोमल सिंह की मां वीणा देवी गायघाट से 2010 से 2015 तक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के टिकट पर विधायक रही हैं। 2019 में वीणा वैशाली लोकसभा सीट लोजपा से जीती थीं। पशुपति पारस ने जब पार्टी तोड़ी थी तो वो पारस के साथ रालोजपा में गई थीं, लेकिन जब चुनाव आया तो चिराग के पास लौट गईं। गद्दारों को टिकट नहीं देने की बात करने वाले चिराग ने दोबारा टिकट भी दिया। वीणा और कोमल की राजनीतिक ताकत हैं दिनेश प्रसाद सिंह। दिनेश सिंह स्थानीय निकाय की मुजफ्फरपुर सीट से लगातार चौथी बार जीते हैं। दिनेश संपन्न और प्रभावशाली नेता हैं और उनकी राजनीतिक हैसियत दलीय सीमाओं के परे है। कोमल की शादी में नीतीश कुमार और एनडीए के नेताओं के साथ-साथ लालू यादव भी आशीर्वाद देने गए थे।






