
बिहार के इस जिले में 500 मेगावाट का सोलर बिजली घर, कोल इंडिया ने नीतीश सरकार से मांगी जमीन
संक्षेप: 500 मेगावाट सोलर बिजली उत्पादन होने पर पटना जैसे शहर की आधी आबादी को बिजली आपूर्ति की जा सकेगी। साथ ही कुल आपूर्ति में से एक तिहाई हिस्सा गैर परम्परागत बिजली देने की अनिवार्यता का कोटा भी पूरा होगा।
बिहार के पश्चिम चम्पारण जिले में 500 मेगावाट का सोलर बिजली घर बनेगा। कोल इंडिया लिमिटेड इसका निर्माण करेगी। सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित करने को केंद्रीय कोयला एवं खान राज्यमंत्री सतीश चंद्र दूबे ने सूबे के ऊर्जा, योजना एवं विकास मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव को पत्र भेजा है। 500 मेगावाट सोलर बिजली उत्पादन होने पर पटना जैसे शहर की आधी आबादी को बिजली आपूर्ति की जा सकेगी। साथ ही कुल आपूर्ति में से एक तिहाई हिस्सा गैर परम्परागत बिजली देने की अनिवार्यता का कोटा भी पूरा होगा।

बिजली घर बनाने के लिए कोल इंडिया ने बिहार सरकार से पश्चिम चम्पारण में जमीन मांगी है। बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड से अनुरोध किया है कि वह प्रस्तावित सोलर बिजली घर से उत्पादित होने वाली बिजली की खरीदारी के लिए करार (पावर परचेज एग्रीमेंट) जल्द करे। कोल इंडिया ने इसके पहले बिहार के मुख्य सचिव और पश्चिम चम्पारण के डीएम को भी पत्र भेजा था।
केंद्र से मिले पत्र के बाद पश्चिम चम्पारण के डीएम को कहा गया है कि वे जगह चिह्नित कर कोल इंडिया को सूचित करें। सोलर बिजली उत्पादन की संभावनाओं का पता लगाने कोल इंडिया की टीम जल्द ही पश्चिम चम्पारण आएगी। वैसे प्रारम्भिक जांच में कोल इंडिया ने पश्चिम चम्पारण को भौगोलिक स्थिति से सोलर परियोजना के लायक माना है।
नहरों, तालाबों में भी सोलर पावर प्लांट लगाए जा रहे हैं।
बिहार के ऊर्जा, योजना एवं विकास मंत्री, बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि पश्चिम चम्पारण में सोलर बिजली घर बनाने के लिए जेनरेशन कंपनी को आवश्यक निर्देश दिया गया है। इस बिजली घर के बनने से बिहार को लाभ होगा और गैर परम्परागत बिजली का कोटा पूरा करने में सहायता मिलेगी।
अन्य राज्यों में काम कर रहा कोल इंडिया
बिजली प्रक्षेत्र में कोल इंडिया दूसरे राज्यों में काम कर रहा है। अभी गुजरात में 400 मेगावाट की सोलर परियोजना पर काम कर रहा है। राजस्थान में 2250 मेगावाट की सोलर परियोजना पर भी कवायद शुरू की है। उत्तरप्रदेश में भी 500 मेगावाट की सोलर परियोजनाओं पर काम शुरू किया है। मौजूदा समय में कोल इंडिया अपने सहयोगी कंपनियों से 119 मेगावाट सोलर बिजली का उत्पादन कर रहा है।
लखीसराय के कजरा में बन रहा है सोलर बिजली घर
बिहार में सोलर की कई परियोजनाओं पर काम चल रहा है। बिहार 1922 मेगावाट सोलर बिजली की आपूर्ति कर रहा है। लखीसराय के कजरा में देश का सबसे बड़ा बैट्री आधारित सोलर बिजली घर बन रहा है। पहले चरण में 45.4 मेगावाट प्रति आवर के हिसाब से 185 मेगावाट बिजली उत्पादित होगी। दूसरे चरण में 50.4 मेगावाट आवर के हिसाब से 241 मेगावाट आवर बिजली उत्पादित होगी।
राज्य सरकार का 2029-30 तक 23968 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य है। इनमें 20 हजार मेगावाट सोलर बिजली उत्पादन का लक्ष्य है। राज्य के 15 ग्रिड सब-स्टेशनों में भी बैट्री आधारित भंडारण परियोजना पर काम चल रहा है। इससे 125 मेगावाट (500 मेगावाट आवर) बिजली उत्पादित होगी। सरकारी और गैर सरकारी भवनों की छतों पर छोटे-छोटे सोलर प्लेट लगाए जा रहे हैं। सिंचाई के लिए फीडर का सोलरीकरण किया जा रहा है। इससे आने वाले वर्षों में किसानों को 752 मेगावाट बिजली मिलेगी।





