Hindi Newsबिहार न्यूज़Neither the party president nor the CM face what is Prashant Kishor plan Jan Suraj Party will launch on 2nd October

न पार्टी अध्यक्ष, न सीएम फेस, प्रशांत किशोर का क्या है प्लान? 2 अक्टूबर को लॉन्च करेंगे जन सुराज पार्टी

जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर 2 अक्टूबर को अपनी नई पार्टी लॉन्च करेंगे। इसस पहले 25 सदस्यीय संचालन समिति का गठन होगा। जिसके नेतृत्व में बिहार विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा। प्रशांत किशोर ने खुद को सीएम फेस और पार्टी अध्यक्ष की दौड़ से बाहर रखा है।

sandeep हिन्दुस्तान, पटना, विजय स्वरूपSat, 28 Sep 2024 01:04 PM
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जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर 2 अक्टूबर को अपनी नई पार्टी जन सुराज लॉन्च करेंगे। लेकिन इससे पहले 25 सदस्यीय संचालन समिति का गठन करेंगे, जो 2025 के बिहार विधानसभा चुनावों में पार्टी का नेतृत्व करेगी। ये बात प्रशांत किशोर ने मीडिया से बातचीत के दौरान कही। उन्होने कहा कि 2 अक्टूबर तक इंतजार करें, यह एक आश्चर्यजनक कार्य समिति होगी। हालांकि उन्होंने खुद को 2025 में मुख्यमंत्री पद और पार्टी अध्यक्ष की दौड़ से बाहर कर दिया है। उन्होने कहा कि लोग प्रशांत किशोर को नहीं, बल्कि जन सुराज को वोट देंगे। 2 अक्टूबर को पार्टी अपने नेता का चयन करेगी, पार्टी के संविधान और पार्टी का मार्गदर्शन करने के लिए एक संचालन समिति की घोषणा भी होगी।

राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर, जिन्होंने जमीनी स्तर से जुड़ने के लिए 2 अक्टूबर, 2022 को बिहार के पश्चिम चंपारण के भितिहरवा आश्रम से अपनी पदयात्रा शुरू की थी। जिसमें 18 जिलों के 5400 गांवों की पैदल यात्रा और 5000 किलोमीटर की यात्रा शामिल है। और अब 2 अक्टूबर को ही औपचारिक रूप से एक पार्टी के रूप में जन सुराज की शुरुआत करेगी। उन्होंने बताया कि हम अपनी पार्टी के रजिस्ट्रेशन के लिए चुनाव आयोग में भी गए हैं।

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आपको बता दें प्रशांत किशोर इस बात का ऐलान कर चुके हैं कि उनकी पार्टी बिहार की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। जन सुराज की लड़ाई एनडीए से है, तेजस्वी यादव मजबूत प्रतिद्वंदी हैं, लेकिन जीतने की क्षमता नहीं है। एनडीए उनसे ज्यादा मजबूत है। 2021 में जेडीयू छोड़ने से पहले प्रशांत किशोर ने भाजपा, कांग्रेस, जेडीयू और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य दलों के चुनावी अभियान की रणनीति बनाई थी। जेडीयू छोड़ने के बाद पीके ने किसी राजनीतिक पार्टी में शामिल नहीं हुए।

प्रशांत किशोर ने बताया कि ऐसा कहा जाता है कि मैं बीजेपी के साथ काम कर रहा हूं। लेकिन, अगर कोई एक पार्टी जो सबसे ज्यादा चिंतित है तो वो बीजेपी है। एनडीए चिंतित है। क्योंकि प्रशांत किशोर ब्राह्मण जाति से हैं और शायद उनके पारंपरिक उच्च जाति वोट बैंक में सेंध लगाएंगे। चिंतित तो राजद भी है क्योंकि प्रशांत किशोर उनके कोर वोट बैंक मुसलमान और यादवों को साधने में जुटे हैं। हाल ही में पीके ने पटना में करीब 16 हजार मुसलमानों के साथ बैठक की थी। उन्होंने 40 मुस्लिमों,  महिलाओं और 70 अत्यंत पिछड़ी जातियों (ईबीसी) को मैदान में उतारने की घोषणा से एनडीए और महागठबंधन दोनों में हलचल पैदा कर दी है। प्रशांत किशोर ने कहा कि उन्हें समाज के हर वर्ग का वोट मिलेगा।

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बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पीके ने दावा किया, या तो यह हमारे लिए बहुत बड़ी जीत होगी या हमें सिर्फ 3-4 सीटें ही मिलेंगी। मैं किसी भी तरह से तैयार हूं। यह पूछे जाने पर कि क्या विधानसभा चुनाव में जाति एक फैक्टर है, तो उन्होंने कहा, बिहार में जाति एकमात्र फैक्टर नहीं है, हालांकि एक महत्वपूर्ण कारक है। लोगों को यह समझने की जरूरत है, कि अकेले जाति ही हर चीज का रामबाण नहीं है। हाल ही में कई राजनेताओं, नौकरशाहों को जन सुराज के आंदोलन में शामिल होते देखा गया है। जदयू के पूर्व सांसद पूर्णमासी राम और मोनाजिर हसन, पूर्व केंद्रीय मंत्री डी.पी. यादव और पूर्व भाजपा सांसद छेदी पासवान के अलावा 100 से अधिक पूर्व आईएएस और आईपीएस अधिकारी जन सुराज में शामिल हुए हैं।

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