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हैंडबॉल खिलाड़ियों के मंसूबों पर लॉकडाउन ने फेरा पानी

जिले के हैंडबॉल खिलाड़ियों के मंसूबों पर लॉकडाउन ने पानी फेर दिया है। लॉकडाउन में अभ्यास छूटने से खिलाड़ियों को कई स्तर पर सीधा नुकसान उठाना पड़ा है। स्थगित और रद्द हुए कई टूर्नामेंट के कारण ओवरएज हो...

हैंडबॉल खिलाड़ियों के मंसूबों पर लॉकडाउन ने फेरा पानी
हिन्दुस्तान टीम,नवादाTue, 15 Jun 2021 02:00 PM
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नवादा। नगर संवाददाता

जिले के हैंडबॉल खिलाड़ियों के मंसूबों पर लॉकडाउन ने पानी फेर दिया है। लॉकडाउन में अभ्यास छूटने से खिलाड़ियों को कई स्तर पर सीधा नुकसान उठाना पड़ा है। स्थगित और रद्द हुए कई टूर्नामेंट के कारण ओवरएज हो गए खिलाड़ियों को अब बेहद परेशानी उठानी की नौबत आ गयी है। अब भी खेल आयोजनों को लेकर संशय बरकरार है। ऐसे में इन खिलाड़ियों की तैयारी बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। जिला हैंडबॉल के ताजा हाल पर खिलाड़ियों और अधिकारियों की चिंता एक समान है। फिलहाल कोई रास्ता नहीं निकलता देख कर संघ के अध्यक्ष डॉ.अनुज कुमार ने कहा कि कोरोनो संकट पूरी तरह से टलने का इंतजार करना खिलाड़ियों का और भी नुकसान कर जाएगा। चूंकि अब स्थितियां संभलने लगी हैं इसलिए खेल आयोजन शुरू किए जाएं। वैसे भी बिना रिस्क के कुछ भी संभव नहीं है।

खिलाड़ियों का दर्द

हैंडबॉल अंडर-14 के तहत दो बार बिहार टीम में मौका पाते हुए राष्ट्रीय स्तर पर रजत पदक विजेता बनने का मौका पा चुकी हूं। जाहिर है अब यह सपना था कि उचित अवसर मिले तो स्वर्ण पदक पा सकूं और राष्ट्रीय स्तर का नया रिकॉर्ड बना सकूं। लेकिन इस कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन ने सारे मंसूबे ध्वस्त कर दिया। - हर्षिता मीनाक्षी, नेशनल हैंडबॉल खिलाड़ी, नवादा

हैंडबॉल का राष्ट्रीय खिलाड़ी होने का गौरव पाते हुए बिहार टीम से अंडर-14 में रजत पदक विजेता पाना एक गौरव रहा है लेकिन इसे स्वर्ण पदक में बदलना मेरा लक्ष्य है। अब ओवरएज हो कर नए सिरे से अलग संवर्ग के लिए परिश्रम करना पड़ेगा। इसके लिए जरूरी अनुभव चूक गयी हूं। अवसर भुनाना मशक्कत भरा साबित हो रहा है। - शिवानी कुमारी, नेशनल हैंडबॉल खिलाड़ी, नवादा

बिहार के लिए अंडर-14 ग्रुप में नेशनल प्रतियोगिता में रजत पदक जीतना खास उपलब्धि रही। इसी जोश से अंडर-16 में कमाल करने का जोश मन में भरा हुआ था। लेकिन लॉकडाउन ने सब कुछ बिखेर कर रख दिया। अब अंडर-16 खेले बिना ही अंडर-19 का ट्रायल देना पड़ेगा। मेरी दो अन्य साथी खिलाड़ियों के साथ भी यही संकट है। - प्रेमलता कुमारी, नेशनल हैंडबॉल खिलाड़ी, नवादा

कोच और संघ के अध्यक्ष की बात

सभी खिलाड़ियों की चाहत है कि स्टेडियम कम से कम शाम को दो घंटे के लिए खुलना चाहिए। वहां खिलाड़ियों को छोड़ कर कोई अन्य व्यक्ति का प्रवेश निषेध रहे। ऐसी सुविधा मिली तो खिलाड़ी कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए दो घंटे अपनी प्रैक्टिस कर लेंगे। इतना अभ्यास कर भी खिलाड़ी अपने आगे की प्रतियोगिता के लिए फिट रहेंगे। - संतोष कुमार वर्मा, कोच सह नेशनल हैंडबॉल खिलाड़ी, नवादा

युवा वर्ग के नुकसान की बात की जाए तो लॉकडाउन से सबसे ज्यादा खिलाड़ियों को नुकसान हुआ है। छात्र-छात्रा ऑनलाइन पढ़ाई कर इसकी भरपाई तो कर सके लेकिन खिलाड़ी एकदम से वंचित रह गए। हैंडबॉल आउटडोर गेम है। इसका घर में रह कर अभ्यास संभव ही नहीं है। खिलाड़ियों को विशेष व्यवस्था मुहैया कराना वर्तमान की जरूरत है। - डॉ.अनुज कुमार, अध्यक्ष, नवादा जिला हैंडबॉल एसोसिएशन

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