हिसुआ में हुए हादसे में नहीं फटा था गैस सिलिंडर
हिसुआ के डीह पर स्थित मुंशी टोला में हुए हादसे में रसोई गैस सिलिंडर नहीं फटा था। किसी कारणवश बंद कमरे में अचानक से गैस पूरी तरह से फैल गया। रेगुलेटर हटा देने अथवा सिलिंडर का वाल्व फटा होने से गैस...

नवादा/हिसुआ। हिसं/नसं
हिसुआ के डीह पर स्थित मुंशी टोला में हुए हादसे में रसोई गैस सिलिंडर नहीं फटा था। किसी कारणवश बंद कमरे में अचानक से गैस पूरी तरह से फैल गया। रेगुलेटर हटा देने अथवा सिलिंडर का वाल्व फटा होने से गैस फैला यह स्पष्ट नहीं है। घटना के बाद कमरे में गैस सिलिंडर उसी स्थान पर पड़ा हुआ था। मैकेनिक पिंटू मिस्त्री घर वालों के साथ उस कमरे में गया था। पास ही बच्चे भी थे। भीतर क्या हुआ, यह कोई बताने वाला नहीं है। वहां दोनों बच्चे सहित पांच लोग ही थे और पांचों बुरी तरह जख्मी हो गये। घटना इतनी भयावह थी की घर के कमरे, आंगन, बाहरी दरवाजा और छत का रेंलिंग तक प्रभावित हुआ। मुख्य दरवाजा भी धंस गया। कमरे का सामान आंगन में बिखरा था, अन्य कमरों का सामान भी बिखर गया।
अचानक से घर में फैल गयी आग
इलेक्ट्रिक मैकेनिक दंपत्ति का करीबी था। जिसकी वजह से उसको काम करने के लिए बुलाया गया था। गैस सिलिंडर लीकेज होने के कारण का पता नहीं चल सका है, लेकिन अचानक तेज आवास के साथ घर में भयावह आग लग गयी। गैस में आग इलेट्रिक काम करने में लगी या गैस सिलिंडर को ठीक करने में यह हादसा हुआ या चाय बनाने के लिए माचिस की तिली जलाने के बाद आग लगी यह स्पष्ट नहीं हो सका है। गैस भयावह आग के साथ ब्लास्ट हुआ और पांचों जख्मी हो गये।
पावापुरी स्थित विम्स रेफर किए गए घायल
स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को हिसुआ अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां से उन्हें पावापुरी स्थित विम्स रेफर कर दिया गया। हिसुआ के पूर्व विधायक अनिल सिंह ने पावापुरी विम्स के प्रिसिंपल और सुपरिटेंडेंट से बात करके घायलों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें पटना रेफर कर दिया गया। परिजन घायलों को लेकर आईजीएमएस और निजी संस्थान अपोलो में भर्ती कराने को भटकते रहे। आखिरकार पीएमसीएच में उन्हें भर्ती कराया जा सका, जहां अबतक तीन लोगों की मौत हो चुकी है। बच्चा मिथुन की मौत रविवार की रात को हुई, जबकि पत्नी और पति की मौत सोमवार की सुबह हो गई।
अंचल और थाने से पहुंचे अधिकारी, की पूछताछ
घटना के बाद थानाध्यक्ष मोहन कुमार और अंचल से बीईओ राज बिहारी की टीम घटना स्थल पर पहुंची और पड़ोसियों से पूछताछ किया। पड़ोसी भी घर के भीतर हुए हादसे के बारे में स्पष्ट नहीं बता सके। गृहस्वामी आलोक ने अपने करीबी मैकेनिक पिंटू मिस्त्री को बुलाया था। बाहरी लोगों के अनुसार, घर के निचले तल पर केवल मैकेनिक था। ऊपरी तल पर अमित उर्फ बबलू का निवास स्थान था। बबलू और आलोक को इस घर में हिस्सेदारी मिली थी। ऊपरी तल और निचले तल में जाने के लिए दो अलग-अलग मुख्य दरवाजे हैं। घटना के समय उनका परिवार ऊपरी तल पर था।
अलग-अलग घरों में रहते हैं छह भाई
आलोक कुमार छह भाईयों में सबसे छोटा था। वह गया स्थित टेकारी में रहकर थ्री व्हीलर वाहन की एजेंसी का काम करता था। हिसुआ में उसके अन्य भाई भीम, अर्जुन, अजीत, अमित उर्फ बबलू और छोटे अलग-अलग स्थानों पर मकान बनाकर रहते हैं। बड़े भाई मुन्ना की मौत हो चुकी है। दो भाई अजीत और आलोक टेकारी में बिजनेस करते हैं। राजगीर रोड आहर में रहनेवाले बाई अर्जुन के यहां छठ था, जिसमें शामिल होने आलोक का परिवार हिसुआ पहुंचा था। घर कई महीनों से बंद था। पहली अर्ध्य के दिन चाय, भोजन बनाने के लिए गैस सिलिंडर का उपयोग करना था। बंद कमरे को खोलकर लोग गैस सिलिंडर का प्रयोग करने भीतर गये थे। इस दौरान हादसा हुआ।
