वर्षों बाद भी नहीं हुआ नवादा-झाझा रेलखंड पर काम शुरू
पकरीबरावां, नवादा में झाझा रेलखंड पर वर्षों से निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। 2005 में सर्वे का काम शुरू हुआ था, लेकिन अब तक कोई प्रगति नहीं हुई है। स्थानीय लोग रेल यात्रा की आस में हैं, जबकि व्यापार...

पकरीबरावां, निज संवाददाता नवादा- झाझा रेलखंड पर वर्षों बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया है। जानकार बताते हैं कि वर्ष 2005 में इसके लिए सर्वे का काम शुरू किया गया था। यह भी बताया जाता है कि सर्वे का काम फाइनल कर लिया गया है। सर्वे के बाद चिन्हित जगहों पर ईंट और सीमेंट का पिलर दिया गया है। बताया जाता है कि तीन बार टीम सर्वेक्षण का काम कर चुकी है। पकरीबरावां हाई स्कूल से पूर्व की दिशा, पकरीबरावां- हसनगंज पथ पर ट्यूबवेल के पास सहित अन्य कई जगहों पर पिलर दिया गया है। जानकार बताते हैं कि कहां स्टेशन, कहां हॉल्ट एवं कहां मानव रहित फाटक आदि बनने हैं इसके लिए मैप तैयार किया गया था।
सर्वे के बाद लोगों को लगा था कि आजादी के वर्षों बाद वे लोग रेलयात्रा कर सकेंगे। लेकिन सर्वे के बाद इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। नवादा- झाझा रेलखंड नवादा, जमुई एवं शेखपुरा जिले के कई प्रखण्डों के लिए काफी उपयोगी है। इसके चालू होने से नवादा जिले के पकरीबरावां, रोह, कौआकोल, वारिसलीगंज, काशीचक प्रखण्ड के लोगों के रेलयात्रा के अरमान पूरे होंगे। जमुई जिले के आढ़ा, चंद्रदीप, अलीगंज, सिकंदरा आदि प्रखण्डों को लाभ है। शेखपुरा जिले के भी कई गांवों के लोग इससे लाभान्वित होंगे। इन प्रखण्डों के लोगों को देश के बड़े शहरों एवं महानगरों को जाने के लिए या तो मल्लेपुर या गया से ट्रेन पकड़ने होते हैं। नवादा स्टेशन को भी उतना विकसित नहीं किया गया है, जहां से देश के बड़े शहरों या नगरों के लिए गाड़ियां पकड़ी जा सके। इन प्रखण्डों के लोगों के लिए सड़क मार्ग ही एकमात्र विकल्प है। रेलमार्ग और हवाई मार्ग इनके लिए स्वप्न है। लोगों की उम्मीदें पूरी नहीं होने से मायूसी सर्वे के वर्षों बाद किसी तरह का काम नहीं शुरू होते देख लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। कई बुजुर्ग लोग तो अब यह कहना शुरू कर दिए हैं कि उनके जीवनकाल में यह नहीं बनेगा। उनका नाती- पोता भले ही रेल की यात्रा करेगा। अगर पकरीबरावां सहित अन्य प्रखण्डों को रेलमार्ग से जोड़ दिया जाय तो यहां के व्यापार- व्यवसाय को काफी बढ़ावा मिलेगा। खासकर पकरीबरावां के डोला, छतरवार आदि के पान किसानों को काफी लाभ मिलेगा। वे पान को आसानी से यूपी, पश्चिम बंगाल, दिल्ली आदि के मंडियों में भेजकर अपने आय को बढ़ा सकते हैं। जन चेतना सह विकास मंच के सदस्यों ने इसी मांग को लेकर बैठक भी की है। बैठक में अध्यक्ष महेंद्र प्रसाद शर्मा, सदस्य राजीव कुमार, डिम्पल सिंह, विजय सिंह सहित अन्य ने निर्णय लिया कि मांग को लेकर रेलमंत्री एवं अपने लोकसभा क्षेत्र के सांसद से मिलकर वे एक ज्ञापन सौपेंगे। इसके लिए एक रणनीति बनाई जा रही है। एक और बैठक कर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। इसके बाद रेलमंत्री से मिलकर ज्ञापन सौंपकर इस चिर- प्रतीक्षित मांग को पूरा करने का आग्रह किया जाएगा। लोगों ने कहा कि इससे एक ओर जहां आजादी के वर्षों बाद लोगों को रेल सफर करने के अरमान पूरे होंगे, वहीं व्यवसायी वर्ग को इससे काफी मदद मिलेगी। लोगों ने उम्मीद जताई है कि रेलमंत्री इस मांग पर जरूर ध्यान देंगे और लोगों के वर्षों की यह आस जल्द ही पूर्ण होगी।
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