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नवादा की बेटी को शोध के लिए मिली 7.50 लाख की फेलोशिप

नवादा की बेटी आकांक्षा बरनवाल को एयरोस्पेस शोध के लिए दस हजार अमेरिकी डॉलर यानी साढ़े सात लाख रुपये भारतीय मुद्रा की फेलोशिप मिली है। विश्व भर से चुनी गयीं 35 छात्राओं में से एक नवादा की आकांक्षा...

नवादा की बेटी को शोध के लिए मिली 7.50 लाख की फेलोशिप
हिन्दुस्तान टीम,नवादाWed, 05 Aug 2020 12:31 PM
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नवादा की बेटी आकांक्षा बरनवाल को एयरोस्पेस शोध के लिए दस हजार अमेरिकी डॉलर यानी साढ़े सात लाख रुपये भारतीय मुद्रा की फेलोशिप मिली है। विश्व भर से चुनी गयीं 35 छात्राओं में से एक नवादा की आकांक्षा बरनवाल हैं। अंतरिक्ष यान की धरती पर सकुशल वापसी पर अमेरिका में रह कर वह शोध कर रही हैं।

एयरोस्पेस इंजीनियरिंग और अंतरिक्ष विज्ञान में अवसरों का विस्तार कर अपने मिशन को पूरा करने के प्रयास में रहीं महिलाओं को पुरुषों के समतुल्य सभी संसाधनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से जोंटा इंटरनेशनल संस्था द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दी जाने वाली अमेलिया इयरहार्ट फेलोशिप प्रदान की गयी है। अमेलिया इयरहार्ट विश्व की पहली एयरोस्पेस पायलट थीं जबकि जोंटा क्लब बोस्टन व न्यू यॉर्क की वह सदस्य रह चुकी हैं, जिनके सम्मान में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग और अंतरिक्ष विज्ञान में काम करने वाली छात्राओं को यह सम्मान दिया जाता है।

सपनों को लगा पंख, कल्पना चावला आदर्श

इतनी बड़ी उपलब्धि पाने और अपने सपनों को पंख लग जाने पर आकांक्षा कहती हैं कि आरंभिक स्कूली जीवन से ही अंतरिक्ष की वादियों में विचरने का उनका मन करता था। कल्पना चावला उनकी आदर्श रही हैं। अंतरिक्ष से वापसी पर उनकी मौत ने उन्हें बुरी तरह से झकझोर दिया था। और तब से ही उनके मन में यह विचार रहा कि अंतरिक्ष से वायु सीमा परत में वापसी में होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने तथा अंतरिक्ष यान समेत अंतरिक्ष यात्रियों की धरती पर सकुशल वापसी के क्षेत्र में कुछ अलग करना है, ताकि अंतरिक्ष यात्री रूपी बौद्धिक धरोहरों की क्षति उठाने की नौबत न रहे। वह कहती हैं कि अपने नवादा जिले के बच्चे खासकर छात्राएं इस क्षेत्र में खुद को आजमाएं और देश सेवा करने का अवसर पाएं।

माता-पिता व दादा के सहयोग को बताया अपना सम्बल

आकांक्षा बरनवाल नवादा के अस्पताल रोड में डाबर की एजेंसी चलाने वाले सुनील कुमार की पुत्री हैं। आकांक्षा अपने माता-पिता और स्वर्गीय दादा अर्जुन प्रसाद को अपना आदर्श मानती हैं और उनके सहयोग को अपना सम्बल बताती हैं। जबकि टीसीएस में इंजीनियर रहे भाई अंकित प्रकाश को अपना मार्गदर्शक मानती हैं। नवादा से पढ़कर 2009 में टॉपर होने वाली आकांक्षा बरनवाल ने आईआईटी मद्रास से एयरोस्पेस ब्रांच से बैचलर व मास्टर डिग्री प्राप्त की। उन्होंने इसके बाद टफले और जीआरडी कि विश्वस्तरीय परीक्षा में भाग लेकर ए एंड एम यूनिवर्सिटी टैक्सास, यूएसए से पीएचडी करने की अहर्ता प्राप्त की। आकांक्षा की इस उपलब्धि पर संस्कृतिकर्मी श्रवण बरनवाल, विवेक चंद धीर, डॉ.संजय कुमार मिश्रा आदि ने बधाई दी है।

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