नवादा के रजनीश एनएसडी से बनेंगे रंगकर्म क्षेत्र के निर्देशक
2005 में पटना से अपने रंगकर्म की शुरुआत करने वाले नवादा के रजनीश कुमार का चयन नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में निर्देशन के क्षेत्र में हुआ है। उनका चयन अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय...
2005 में पटना से अपने रंगकर्म की शुरुआत करने वाले नवादा के रजनीश कुमार का चयन नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में निर्देशन के क्षेत्र में हुआ है। उनका चयन अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली में 2019-22 के सत्र के लिए हुआ है। पूरे भारत से सिर्फ 26 लोगों का ही चयन इस विद्यालय में हो पाता है।
नवादा के रजनीश अकेले पूरे बिहार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। नवादा के लिए ये गौरव की बात है कि रजनीश ऐसे दूसरे नवादा निवासी हैं जिनका चयन राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में हुआ है। ये नवादा के साथ साथ पूरे बिहार के लिए गर्व की बात है। अपनी सफलता का श्रेय ये अपने पिता स्वर्गीय गोपाल दास को समर्पित करते हैं। वह कहते हैं कि अपने माता-पिता के दिए गए शिक्षा और संस्कारों की वजह से ही उनकी पहचान है। आने वाले वर्षों में रजनीश विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के रूप में नए बच्चों को शिक्षित करना चाहते हैं। नवादा और मगही भाषा के विकास के लिए भी रजनीश कटिबद्ध हैं और अपने शहर और अपनी भाषा को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने का लक्ष्य रखते हैं। वह नवादा को विशेष देना चाहते हैं। रजनीश कलाकारों के लिए उर्वर जमीन बनाने में जुटे हैं।
बीएचयू से किया स्नातक व परास्नातक
नवादा शहर के गोवर्धन मंदिर के निकट रहने वाले रजनीश ने जवाहर नवोदय विद्यालय से हाईस्कूल की पढ़ाई की बाद चिकित्सा मनोविज्ञान में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से स्नातक तथा परास्नातक प्रथम श्रेणी में उतीर्ण की। गोपाल दास व शांति देवी के पुत्र रजनीश फिलहाल चिकित्सा मनोविज्ञान में ड्रामा थेरेपी पर रिसर्च कर रहे हैं। रजनीश 2015 में पिता के देहांत के बाद पूरे परिवार की जिम्मेदारी बड़ा बेटा होने के कारण उठाने को बाध्य हुए लेकिन रंगकर्म से वास्ता बना रहा। वह डॉ. गोपाल निर्दोष को अपना पहला रंगगुरु मानते हैं। पटना के सुरेश कुमार हज्जू, संजय उपाध्याय, वरिष्ठ लेखक और कथाकार ऋषिकेश सुलभ, हैदराबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सत्यब्रत राउत, परवेज अख्तर के सानिध्य को भी उन्होंने अपनी प्रेरणा बताया।