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मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने धार्मिक हस्तक्षेप पर जताया विरोध

मजलिसुल उलमा के जलसे में मुस्लिम वक्ताओं ने धार्मिक हस्तक्षेप पर विरोध जताया। जलसा कार्यक्रम सलीम एकेडेमी मोगलाखर में आयोजित किया गया। पूर्व चेयर पर्सन नुसरत खुर्शीद ने कहा कि जो कानून लाया जा रहा...

मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने धार्मिक हस्तक्षेप पर जताया विरोध
हिन्दुस्तान टीम,नवादाSun, 21 Jan 2018 11:34 AM
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नवादा। नगर संवाददाता

मजलिसुल उलमा के जलसे में मुस्लिम वक्ताओं ने धार्मिक हस्तक्षेप पर विरोध जताया। जलसा कार्यक्रम सलीम एकेडेमी मोगलाखर में आयोजित किया गया। पूर्व चेयर पर्सन नुसरत खुर्शीद ने कहा कि जो कानून लाया जा रहा है, इससे मुस्लिम घरों में तबाही और बर्बादी के सिवा कुछ ना होगा। नवादा हाई कोर्ट के वकील तब्बसुम मेहर ने कहा कि मुस्लिम औरतों को चाहिए की थोड़ी-थोड़ी तकलीफ और उलझन में खुला की मांग न करें और पति को चाहिए की मामूली बातों में बीवी को तलाक न दें।

शहनाज़ खातून ने कहा की मुस्लिम आबादी के जिम्मेदारों को चाहिए की मुसलमानों के तमाम महजबी समस्याओं को दारुल कजा में हल करें तथा कोर्ट और थाना से बचें। जलसा में मौजूद नाज़िया खानम ने कहा की सरकारी अदालतों से इसलिए बचना चाहिए कि इससे लंबा इंतजार भी करना पड़ता है तथा पैसे की भी हानि होती है। इसलिए हम अपनी सारी मुद्दों को इमारते शरिया में हल कराएं। मौलाना नौशाद आलम कासमी, मौलाना मेराजुद्दीन भी अपने विचार रखें। जबकि कार्यक्रम का संचालन ऐनायतुल्लाह कासमी ने किया। मौके पर मो. शाहीदुर्फ़ पप्पू, डॉ जावेद, मो. रिजवान, हाजी मास्टर नेहाल, मौलाना नजरूल बारी उपस्थित थे।

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