मानसून की सक्रियता बरकरार, अभी जारी रहेगी जिले में बारिश
नवादा में मानसून की सक्रियता बरकरार है। अगले छह दिनों तक बारिश की संभावना है, जिसमें हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। किसान तेजी से धान की बुआई कर रहे हैं। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, 28 जून तक बारिश...

नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। मानसून की सक्रियता बरकरार है। जिले में इसका प्रभाव जारी है। मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, अगले छह दिनों तक जिले में बारिश जारी रहेगी। इस क्रम में कभी छिटपुट तो कभी हल्की बारिश हो सकती है। मध्यम और तेज गति की बारिश भी संभावित है। अलग-अलग दिनों में अलग-अलग मिजाज की बारिश हो सकती है। मानसूनी बारिश के साथ से किसानों में उत्साह देखा जा रहा है। जिले के किसान धान के बिचड़ों की तेज गति से बुआई कर रहे हैं। अभी तक के मौसम विश्लेषण के मुताबिक, आगामी 28 जून तक लगातार बारिश की संभावना बन रही है।
उल्लेखनीय है कि मानसून की सक्रियता के बाद से जिले के किसान इतनी तेजी से बिचड़ों की बुआई कर रहे हैं, मृगशिरा नक्षत्र की समाप्ति यानी शनिवार तक 20 प्रतिशत बिचड़े बो चुके हैं, जबकि रोहिणी नक्षत्र में कोई बारिश नहीं हुई तो बिचड़ा लगना शुरू भी नहीं हो सका था जबकि मृगशिरा नक्षत्र में भी महज आखिरी के दिनों में बारिश हो सकी। अब आर्द्रा नक्षत्र के मध्य तक ही शत-प्रतिशत बिचड़ा आच्छादन की संभावना बन रही है। मौसम का मिला साथ तो खेती-किसानी को मिली रफ्तार मौसम का साथ मिल जाने से जिले की खेती-किसानी को रफ्तार मिल गयी है। मौसमीय आकलन और उपग्रहीय तस्वीरों से प्राप्त जानकारी के आधार पर कृषि मौसम वैज्ञानिक रौशन कुमार ने बताया कि अगले दो दिनों के दौरान उत्तरी अरब सागर के शेष भाग, राजस्थान, पंजाब के कुछ और भागों, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली के कुछ भागों, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश के शेष भागों और जम्मू के शेष भागों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं। दक्षिण-पूर्व उत्तर प्रदेश और उसके आस-पास के इलाकों में बना कम दबाव का क्षेत्र रविवार को भारतीय समयानुसार सुबह 08:30 बजे दक्षिण उत्तर प्रदेश के मध्य भागों पर बना हुआ है। इससे जुड़ा ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण समुद्र तल से 5.8 किलोमीटर ऊपर तक फैला हुआ है और ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुका हुआ है। अगले 12 घंटों के दौरान इसके धीरे-धीरे उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और धीरे-धीरे कमजोर होने की संभावना है। पूर्व-पश्चिम कतरनी रेखा अर्थात ट्रफ रेखा दक्षिण पाकिस्तान से राजस्थान के मध्य भाग, उत्तर-पश्चिम मध्य प्रदेश से होते हुए बांग्लादेश और उससे सटे पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी इलाकों के ऊपर चक्रवाती परिसंचरण तक जाती है, दक्षिण उत्तर प्रदेश और पड़ोस के मध्य भागों और झारखंड के ऊपर कम दबाव बाले क्षेत्र से जुड़ा चक्रवाती परिसंचरण समुद्र तल से 1.5 और 4.5 किलोमीटर ऊपर ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुका हुआ है। उत्तरी पंजाब से दक्षिणी हरियाणा होते हुए उत्तरी बिहार तक बनी द्रोणिका, दक्षिणी उत्तर प्रदेश के मध्य भागों पर औसत समुद्र तल से 0.9 किलोमीटर ऊपर निम्न दबाव क्षेत्र से जुड़ा चक्रवाती पौरसंचरण बना हुआ है। 05 जुलाई के आसपास पश्चिम बंगाल के गंगा तटीय क्षेत्र और उसके आसपास ऊपरी हवा में चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनने की संभावना है। तापमान में नरमी जारी, उमस से परेशानी विगत 24 घंटों के दरम्यान राज्य के अनेक स्थानों के अधिकतम तापमान में तापमान में कोई विशेष परिवर्तन दर्ज नहीं की गई। राज्य का अधिकतम तापमान 30.2 से 35.5 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान 24.6 से 28.3°डिग्री सेल्सियस के बीच रहा। राज्य के अनेक स्थानों के न्यूनतम तापमान में भी कोई विशेष परिवर्तन दर्ज नहीं की गई। नवादा जिले का तापमान भी इसी के इर्द-गिर्द रहा। जिले में अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रहा। विगत 24 घंटों के द्वौरान नवादा जिले में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की गई। रविवार को बारिश की संभावना महज 11 प्रतिशत ही बन रही थी और बारिश का अनुमान नहीं था लेकिन अगले 28 जून तक 60 से 69 फीसदी संभावनाओं के बीच दो से 13.2 एमएम तक बारिश का पूर्वानुमान है। सोमवार को 6.6, मंगलवार को 5.6, बुधवार को 2.1, गुरुवार को 13.2, शुक्रवार को 11.2 तथा शनिवार को 8.2 एमएम बारिश संभावित है।
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