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मगहिया स्वर लहरियों की तान ने छुए मन के तार

बाल्मीकि ने रची रामायण, लवकुश को जाने संसार....जैसे गीत जब नगर भवन में गूंज उठे तो तालियों की गड़गड़ाहट का समां रहा। जिलास्तरीय युवा उत्सव में कलाकारों की आकर्षक प्रस्तुति ने बार-बार दर्शकों को झूमने...

मगहिया स्वर लहरियों की तान ने छुए मन के तार
हिन्दुस्तान टीम,नवादाTue, 05 Dec 2017 02:58 PM
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नवादा। हिन्दुस्तान टीम

बाल्मीकि ने रची रामायण, लवकुश को जाने संसार....जैसे गीत जब नगर भवन में गूंज उठे तो तालियों की गड़गड़ाहट का समां रहा। जिलास्तरीय युवा उत्सव में कलाकारों की आकर्षक प्रस्तुति ने बार-बार दर्शकों को झूमने पर विवश कर दिया। मगहिया स्वर लहरियों की तान से श्रोता मंत्रमुग्ध हो उठे। गीत, संगीत, नाटक, नृत्य आदि का उत्कृष्ट प्रदर्शन कर कलाकारों ने लोगों पर अपनी कला की अमिट छाप छोड़ी। इससे पूर्व जिला स्तरीय युवा उत्सव कार्यक्रम का उद्घाटन डीएम कौशल कुमार, एसडीपीओ विजय कुमार झा, डीपीआरओ परिमल कुमार सहित अन्य अधिकारियों ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया। इस दौरान डीएम ने जिले की युवा प्रतिभाओं की सराहना कर उनका मनोबल बढ़ाया। ये है मेरा बिहार... की प्रस्तुति देकर सृजन आर्टस् के गायक प्राजंल कुमार ने सूबे की गौरवमयी संस्कृति का गुणगान किया। राष्ट्रीय एकता और देशभक्ति से ओत प्रोत युवा कलाकारों की प्रस्तुति से लोगों में राष्ट्रप्रेम की भावनाएं हिलोरें लेने लगी। वंदना के बाद कार्यक्रम ने जो परवान पकड़ा तो फिर सुगम संगीत में मणिमाला, उदय शंकर, संगीता जबकि तबला वादन में कुमार अभिषेक ने कमाल दिखाया। मौके पर चयनकर्ता डीपीआरओ परिमल कुमार, डीसीएलआर वीरेन्द्र कुमार, अफसर नवाब, वीएस पाठक, शिव कुमार प्रसाद आदि मौजूद थे। आयोजन में बीडीओ प्रभाकर सिंह, बीएओ सुमंत कुमार, डॉ.उमेश चंद्रा आदि गणमान्य लोग मौजूद थे।

नृत्य में भाव मुद्राओं की रही प्रधानता

भरत नाट्यम में इशिका राज व जेसिका राज ने गजब का प्रदर्शन किया जबकि कत्थक नृत्य में ग्रेसी ने अपने जलवे बेखेरे। सामूहिक लोक नृत्य में कैसे खेलें सावन में कजरिया... की प्रस्तुति शानदार रही जिसमें शैलेश, ऋषु, पार्थ, मयंक, सौरभ आदि ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।

नाटक के भावप्रण दृश्य ने लुभाया

नाटक के भावप्रण दृश्य ने दर्शकों को खूब प्रभावित किया। मूक नाटक राष्ट्रीय एकता पर था जो सबमें जोश जगा गया जबकि एकांकी के जरिए राकेश, रजनीश, सुप्रिया, सुनीता ने समां बांधा।

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