Maa Durga Idol Unveiled with Devotion in Nawada s Railway Colony Durga Puja Festivities Begin रेलवे कॉलोनी में माता का पट खुलते ही दर्शन को उमड़ पड़े श्रद्धालु , Nawada Hindi News - Hindustan
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रेलवे कॉलोनी में माता का पट खुलते ही दर्शन को उमड़ पड़े श्रद्धालु

नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। शहर के रेलवे कॉलोनी में विधिवत पूजा-अर्चना के साथ रविवार की देर शाम को मां दुर्गा की प्रतिमा का पट खोल दिया गया।

Newswrap हिन्दुस्तान, नवादाMon, 29 Sep 2025 05:13 PM
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रेलवे कॉलोनी में माता का पट खुलते ही दर्शन को उमड़ पड़े श्रद्धालु

नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। शहर के रेलवे कॉलोनी में विधिवत पूजा-अर्चना के साथ रविवार की देर शाम को मां दुर्गा की प्रतिमा का पट खोल दिया गया। यहां बंगला रीति रिवाज के अनुसार पूजा की जाती है और नवरात्रि की षष्ठी तिथि को कलश स्थापित कर जगतजननी की पूजा की जाती है। तिथिवृद्धि के कारण रविवार को माता का पट खोलने का विधान पूरा किया गया। मां दुर्गा की प्रतिमा का पट खुलते ही जयकारों से पूजन स्थल गूंज उठा। श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखा गया। माता का पट खुलते ही भारी संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़े। बल्कि पूरे शहर के श्रद्धालु यहीं उमड़ पड़े।

इसके साथ ही दुर्गा पूजा की रवानगी शुरू हो गई। जिले भर में कुल 236 जगहों पर आयोजित दुर्गा पूजनोत्सव के क्रम में अनेक स्थानों पर सप्तमी तिथि की गणना के अनुकूल सोमवार की शाम को माता का पट खुलेगा। इसके बाद इन स्थानों पर भी माता भक्तों की भीड़ दर्शन के लिए उमड़ पड़ेगी और सप्तमी से दुर्गा पूजनोत्सव पूरे परवान पर होगा। जिला मुख्यालय स्थित रेलवे कॉलोनी में बंगला पद्धति से माता दुर्गा की पूजा 1950 से ही की जा रही है। इस वर्ष भी मां दुर्गा की पूजा-अर्चना विशेष भव्यता के साथ की जा रही है। रेलवे यूनियन के अध्यक्ष एवं रेलवे कॉलोनी दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष सह लाइसेंसधारी चंद्रिका प्रसाद के निर्देशन में पूजनोत्सव हो रहा है। बेलभरणी के साथ शुरू हुआ विधान चूंकि यहां षष्ठी से ही माता का पट खुल जाता है इसलिए इसी दिन रविवार के तीसरे पहर से पूजन की तैयारी शुरू हो गई थी। माता की विशालकाय प्रतिमा के समक्ष रविवार की देर शाम को कलश स्थापना की गई। इससे पूर्व बेलभरणी का प्रमुख विधान शाम को किया गया। यह विधान सूर्यमंदिर मिर्जापुर के समीप से गुजरी खुरी नदी से जल ला कर पूर्ण किया गया। पूजनोत्सव के क्रम में देर शाम माता का पट खोल दिया गया। उल्लेखनीय है यहां 1950 में ही पीडब्ल्यूआई के बंगाली इंजीनियर ने बंगला पद्धति से पूजन का आरंभ किया था। तब से इसी परम्परा का अनुपालन हो रहा है। इस के तहत वर्तमान में पश्चिम बंगाल से आने वालो ब्राह्मण प्रशांतो चटर्जी और रॉबिन चटर्जी समस्त पूजा-अनुष्ठान पूर्ण कर रहे हैं। कमेटी सदस्यों की सक्रियता है खास अध्यक्ष चंद्रिका प्रसाद समेत पूरी कमेटी पूजनोत्सव को भव्यता देने में जुटी हुई रही। उपाध्यक्ष पीडब्ल्यूआई जेपी यादव, सचिव सहायक मंडल अभियंता राकेश सिन्हा, संयुक्त सचिव अवधेश कुमार सुमन, कोषाध्यक्ष दयानन्द प्रसाद समेत सक्रिय सदस्य रविन्द्र कुमार, कृष्णा राम, दिनेश कुमार, सकलदेव प्रसाद, मुकेश कुमार आदि दिन-रात एक कर दुर्गा पूजा महोत्सव को भव्यता प्रदान करने लगे हैं। सभी जगहों पर 10 सीसीटीवी कैमरे से निगरानी हो रही है, जबकि 30 वॉलेंटियर रात-दिन जुटे हैं। हर श्रद्धालु की सुविधा का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। कई बार कुछ श्रद्धालु रात में ठहरने की भी योजना बना लेते हैं, उनकी सुविधा का भी पूरा ध्यान रखे जाने की तैयारी है। कमेटी के सदस्यों सक्रियता से पूजनोत्सव बेहद उत्कृष्ट तरीके से सम्पन्न हो रही है। पूजनोत्सव की सौंपी गयी सारी व्यवस्था की कमान समिति सदस्य संभाल रहे हैं।

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