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नवादा रजिस्ट्री कार्यालय में सुविधाओं का अभाव

सबसे अधिक राजस्व उपार्जन करने वाले रजिस्ट्री विभाग के कार्यालय परिसर का हाल बेहद बुरा है। यहां आने वाले लोगों के लिए सामान्य सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं है। जब तक काम कराना हो, लोगों को बैठने की समुचित...

नवादा रजिस्ट्री कार्यालय में सुविधाओं का अभाव
हिन्दुस्तान टीम,नवादाSat, 31 Jul 2021 02:30 PM
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नवादा। नगर संवाददाता

सबसे अधिक राजस्व उपार्जन करने वाले रजिस्ट्री विभाग के कार्यालय परिसर का हाल बेहद बुरा है। यहां आने वाले लोगों के लिए सामान्य सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं है। जब तक काम कराना हो, लोगों को बैठने की समुचित व्यवस्था तक नहीं है। संकरे जगह और लोगों की अधिक भीड़ के कारण भीषण गर्मी का संकट बेहद परेशान करता है लेकिन पंखे की व्यवस्था नहीं है। लम्बे समय तक यहां रूकने वाले लोगों खास कर महिलाओं के लिए शौचालय की व्यवस्था नहीं है। ऐसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव के कारण जमीन की रजिस्ट्री कराने आने वालों को उतनी देर तक संकट का सामना करना ही पड़ता है जब तक उनका काम निपट नहीं जाता।

प्रतिदिन एक सौ रजिस्ट्री का होता है अपॉइंटमेंट

नवादा रजिस्ट्री कार्यालय में प्रतिदिन एक सौ रजिस्ट्री का अपॉइंटमेंट होता है। कुल चार काउंटर हैं जिस पर 25-25 रजिस्ट्री की सुविधा उपलब्ध है। हालांकि औसतन 80 रजिस्ट्री ही सामान्य दिनों में हो पाती है। ऐसे में एक करोड़ रुपये तक का औसतन राजस्व उपार्जन हो पाता है। सावन जैसे खेती-किसानी के महीने में भी कम से कम 15 से 20 लाख रुपये तक का राजस्व संग्रह हो रहा है। यूं तो सामान्यत: 350 से 500 लोगों की आवाजाही रजिस्ट्री कार्यालय में हर दिन हो ही जाती है लेकिन अभी कुछ कम लोगों की आवाजाही है। समझा जा सकता है कि इतनी बड़ी संख्या में यहां पहुंचने वालों को मूलभूत अभावों के कारण कितनी परेशानी का सामना करना पड़ता होगा। बिहार दस्तावेजनवीस संघ के उपाध्यक्ष संतोष कुमार उर्फ टनटन कहते हैं कि किसी प्रकार की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं रहने से सभी को भारी परेशानी है। हम जैसों को तो दिन भर यहीं रहने की बाध्यता है। टनटन ने रजौली रजिस्ट्री कार्यालय की व्यवस्था पर भी रोष जताया।

दलाली का अड्डा बन कर रह गया है रजिस्ट्री कार्यालय

सुविधाओं के अभाव की शिकायत के अलावा रजिस्ट्री कार्यालय आने वालों की सबसे बड़ी शिकायत यह है कि यहां कोई भी कार्य सरकार द्वारा निर्धारित दर पर नहीं हो पाता है। दलाली का ऐसा जोर इस कार्यालय में है कि सामान्य व्यक्ति का पूरी तरह से दोहन हो जाता है। शहरी और ग्रामीण हर प्रकार की जमीन के लिए वैल्यू का आठ फीसदी जबकि महिलाओं के लिए छह फीसदी रजिस्ट्री शुल्क निर्धारित है लेकिन लोगों से न्यूनतम 11-12 फीसदी तक वसूल कर लिया जाता है। हिसुआ निवासी समाजसेवी सह भाजपा नेता पवन कुमार गुप्ता कहते हैं कि इतने पर ही बस नहीं है बल्कि गैरजानकार लोगों से 20 फीसदी तक की वसूली कर ली जाती है। जल्द से जल्द काम कराने और विभिन्न ऑफिस के खर्चे के नाम पर यह दोहन होता है।

क्या कहते हैं आमजन:

करोड़ों के राजस्व उपार्जन के बाद भी सरकार का इस ओर ध्यान नहीं दिया जाना दु:खद है। यहां न ही शुद्ध पानी की व्यव्स्था है और न ही बैठने तक का कोई इंतजाम है। यह संकट न जाने कब दूर होगा। - ब्रजेंद्र कुशवाहा, मिर्जापुर

कोई भी जानकारी देने वाला यहां उपलब्ध नहीं है। कायदे से मे आई हेल्प यू काउंटर होना चाहिए लेकिन इसकी व्यवस्था नहीं होने से लोग दलालों के चक्कर में पड़ जाते हैं। आर्थिक दोहन लोगों की नियति बन गयी है। - नवीन कुमार उर्फ फेकू, न्यू एरिया

सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क पर कोई भी कार्य नहीं होता। लोगों को इस बारे में पूरी जानकारी तक उपलब्ध नहीं करायी जाती। यहां अधिक राशि लेने की व्यवस्था आमजनों पर बेहद भारी पड़ रही है। - विपिन कुमार, अंबिका बीघा

विभागीय अधिकारी यहां की दुरावस्था को दूर करने का प्रयास करें। आमलोगों की परेशानी का समाधान करें। उनकी निजी दिलचस्पी के बाद यहां की अराजकता तत्काल दूर हो जाएगी, यह विश्वास है। - अवधेश कुमार, छबैल

वर्जन:

अभी निर्माण कार्य जारी है इसलिए टूट-फूट के कारण सुविधाओं का अभाव है। विशेष सुविधायुक्त निर्माण के लिए भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता को प्राक्कलन बनाने के लिए कहा गया है। दलाली जैसी शिकायतों पर अंकुश को लेकर संघ के सचिव से वार्ता की जा रही है। इसकी रोकथाम के लिए पूरे प्रयास किए जाएंगे। आमजनों की हर परेशानी को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। मैंने अभी 12 दिन पूर्व ही कार्यभार संभाला है। शीघ्र ही सारी व्यवस्था को दुरुस्त कर लिया जाएगा।

-नीलेश कुमार, अवर निबंधक पदाधिकारी, नवादा

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