भीम ऐप प्रयोग करना अब हुआ और लाभदायक
अगर आप किसी भी डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए सरकार द्वारा शुरू किए गए भीम ऐप का इस्तेमाल करते हैं तो आपको स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बड़ा कैशबैक ऑफर मिल सकता है। नैशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया...
अगर आप किसी भी डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए सरकार द्वारा शुरू किए गए भीम ऐप का इस्तेमाल करते हैं तो आपको स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बड़ा कैशबैक ऑफर मिल सकता है। नैशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा शुरू किया गया भीम ऐप यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस है। पीएम मोदी ने नोटबंदी के बाद डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए दिसंबर में इसकी शुरुआत की थी। अब जानकारी है कि भीम ऐप के इस्तेमाल पर कैश बैक बढ़ाने का प्रस्ताव है और यह इस स्वतंत्रता दिवस से लागू किया जा सकता है। प्रस्ताव यह है कि भीम के इस्तेमाल पर कैशबैक और बढ़ाने से और भी ज्यादा लोग इस ओर आकर्षित होंगे। फिलहाल भीम ऐप के जरिए डिजिटल लेनदेन करने पर 10 रुपए का कैशबैक मिलता है। अब 25 रुपये तक का कैशबैक दिए जाने की संभावना है। ज्यादा कैशबैक से होगा फायदा एनपीसीआई द्वारा ज्यादा कैशबैक देने के पीछे का मकसद यह है कि सरकार द्वारा लागू भीम ऐप पेटीएम और फोनपे जैसे अन्य मोबाइल पेमेंट ऐप की टक्कर में टिका रह सके। दरअसल ऐसी कंपनियां अपने कस्टमर्स को काफी कैशबैक और फिर से ट्रांजेक्शन पर भी काफी बढ़ावा दे रही हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर्स का सपोर्ट हासिल पेटीएम और फोनपे जैसे ऐप अपना कस्टमर बेस बढ़ाने के लिए ऐसे कई ऑफर्स का सहारा ले रहे हैं। इसीलिए भीम ऐप को भी और फायदेमंद बनाने की कोशिश चल रही है। फिलहाल यदि कोई कस्टमर्स किसी और को भीम ऐप इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करता है तो उसे इसके बदले 25 रुपये मिलते हैं। 14 अप्रैल को लागू हुआ था भीम ऐप नोटबंदी के बाद सरकार ने कैशबैक इनिशिएटिव के लिए 450 करोड़ रुपये का फंड देकर डॉ. आंबेडकर की जयंती (14 अप्रैल) पर भीम ऐप की शुरुआत की थी। इस पेमेंट ऐप ने 1 करोड़ 60 लाख के यूजर बेस को पार कर लिया है, जिसमें 40 लाख लोग ऐक्टिव यूजर हैं। पिछले जून माह तक का यह आंकड़ा है जबकि अब इसमें लगातार वृद्धि हो रही है। भीम ऐप का 1.4 वर्जन लॉन्च करने के भी तैयारी चल रही है। इसके बाद ऐप के जरिए ट्रांजेक्शन और आसान हो जाएगी। यह लोगों को जोड़ने का काम करेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी है निफ्ट पर निर्भरता शहरी क्षेत्रों में यह ऐप काफी प्रसार पा रहा है पर ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी बैंक की निफ्ट और आरटीजीएस ही ज्यादा चलन में है। फिलहाल ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ तकनीकी दिक्कतों के कारण इसके सफल होने में अभी देर दिखता है। ऑपरेट करने के क्रम में एरर की समस्या भी इस ऐप की स्वीकार्यता के आड़े आ रही है। हालांकि अब बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। नए प्रस्ताव के बाद स्थिति सुधरने की पूरी उम्मीद है। वर्जन यह सरकारी ऐप विभिन्न सरकारी विभागों में चलन में आ रहे हैं। सीधे कैश भेजने की सुविधा वाले इस ऐप के अनेक फायदे हैं। इसे और बेहतर करने की तैयारी है। स्थानीय स्तर पर डीएम ने भी इसमें रुचि दिखाई है और बैंकर्स की बैठक में कई निर्देश दिए हैं। - रजनी रमण झा, एलडीएम, नवादा