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माता-पिता से बढ़ कर भगवान भी नहीं होते

माता-पिता से बढ़कर कोई भगवान नहीं होते। जिसने माता-पिता का आदर नहीं किया वह किसी भगवान का आदर नहीं कर सकता। माता-पिता यानि सिर्फ सृजक ही नहीं बल्कि हर बड़े-बूढ़े को सम्मान देने वाला ही इस कलियुग में...

माता-पिता से बढ़ कर भगवान भी नहीं होते
हिन्दुस्तान टीम,नवादाSun, 11 Mar 2018 09:51 AM
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नवादा। नगर संवाददाता

माता-पिता से बढ़कर कोई भगवान नहीं होते। जिसने माता-पिता का आदर नहीं किया वह किसी भगवान का आदर नहीं कर सकता। माता-पिता यानि सिर्फ सृजक ही नहीं बल्कि हर बड़े-बूढ़े को सम्मान देने वाला ही इस कलियुग में सर्वश्रेष्ठ है।

कथाव्यास सुधांशु कौशिक जी महाराज ने नौ दिवसीय संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा प्रवाह के क्रम में अपने वचन से लोगों को आदर और सम्मान का महत्व बताया। शहर के मंगरबिगहा स्थित सूर्य मंदिर परिसर में आयोजित श्रीमद्भागवत महायज्ञ के क्रम में शनिवार को श्रीकृष्ण जन्म का अनुष्ठान हुआ। इस क्रम में वाराणसी से पधारे कथाव्यास ने कहा कि सर्वकल्याणकारी श्रीकृष्ण की सभी लीलाएं मानव को कर्म का महत्व समझाती हैं। नारद के पृथ्वीलोक भ्रमण का एक प्रसंग बताते हुए कथाव्यास ने कहा कि नारद ने पृथ्वी पर युवा माता और वृद्ध पुत्रों को देखा। वे अचम्भित हो गए। जिनकी बात ना रद्द हो वही नारद हैं, इसलिए इस प्रसंग को अनदेखा नहीं किया जा सकता था। कथाव्यास कहते हैं कि ज्ञान और वैराग्य तब ही युवा रह सकते हैं जब इसे अपना जाए और इसे चिरस्थायी बनाया जाए। आचार्य मोहन पांडेय और उपाचार्य लालू पांडेय, नरेन्द्र पांडेय, गांधी जी आदि के नेतृत्व में आयोजित महायज्ञ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। मुख्य यजमान सुरेश यादव व गिरिजा देवी सभी अनुष्ठान में सहयोग कर रहे हैं। आयोजन को सफल बनाने में मंगरबिगहा के ग्रामीण और स्वयंसेवी लगातार सक्रिय हैं।

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