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एक वर्ष बाद भी पुनर्वास भूमि से नहीं हटा अतिक्रमण

प्रखंड के पुनर्वास स्थल हरदिया सेक्टर-ए, बी, सी व डी में व्यापक पैमाने पर दबंगों द्वारा सरकारी जमीन एवं सार्वजनिक जमीन को अवैध रूप से कब्जा कर लिए जाने के मामले में डीएम के आदेश के बावजूद 1 वर्ष बीत...

एक वर्ष बाद भी पुनर्वास भूमि से नहीं हटा अतिक्रमण
हिन्दुस्तान टीम,नवादाMon, 13 Aug 2018 03:04 PM
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रजौली। एक प्रतिनिधि

प्रखंड के पुनर्वास स्थल हरदिया सेक्टर-ए, बी, सी व डी में व्यापक पैमाने पर दबंगों द्वारा सरकारी जमीन एवं सार्वजनिक जमीन को अवैध रूप से कब्जा कर लिए जाने के मामले में डीएम के आदेश के बावजूद 1 वर्ष बीत जाने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिससे पुनर्वास स्थल की जमीन पर अब भी दबंगों का कब्जा बरकरार है। विस्थापित संघर्ष मोर्चा के सचिव कृष्णा चंदेल ने जिला पदाधिकारी सह द्वितीय अपीलीय प्राधिकार के कार्यालय में आवेदन देकर पुनर्वास स्थल के क्षेत्र को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराने की मांग की थी। डीएम को दिए आवेदन में कहा था कि पुनर्वास पदाधिकारी सह कार्यपालक अभियंता प्रमंडल, रजौली द्वारा जांच के दौरान दबंगों द्वारा कब्जा कर लिए जाने की बात सही पाई गई थी। आरोप के सही पाए जाने के बाद भी रजौली सीओ द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण आक्रोशित विस्थापित मोर्चा के सचिव व सदस्यों ने जिला पदाधिकारी सह द्वितीय अपीलीय प्राधिकार में आवेदन देकर निवेदन किया था। जिसके बाद 24 मार्च 2017 को डीएम ने परिवादी को सूचना देते हुए अतिक्रमण को मुक्त कराने को लेकर होने वाले कार्रवाई में रजौली सीओ के संपर्क में रहने की बात कही थी। डीएम को दिए आवेदन में सेक्टर ए में 38, बी में 12, सेक्टर सी में 9 और डी में 66 लोगों द्वारा जमीन का अतिक्रमण कर लिए जाने की सूची शामिल थी। जानकारी के मुताबिक इन लोगों द्वारा जितने जमीन का अतिक्रमण किया गया है, उस पर कई सरकारी भवन भी बनाए जा सकते हैं। अगर सरकार व जिला पदाधिकारी सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त करा लेती है तो राज्य सरकार को अरबों रुपयों का राजस्व का नुकसान होने से बच सकता है और अन्यत्र खोले जाने वाले सरकारी कार्यालय व संस्थान को जमीन मुहैया कराने में सहूलियत हो सकती है।

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