कमजोर वर्ग के बच्चों के निजी स्कूलों में दाखिले को पंजीयन शुरू
नवादा में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत कमजोर और गरीब बच्चों के लिए निजी स्कूलों में दाखिले के लिए पंजीकरण शुरू हो गया है। आवेदन 25 जनवरी तक ऑनलाइन ज्ञानदीप पोर्टल पर लिए जाएंगे। सत्यापन 30 दिसंबर...
नवादा, निज प्रतिनिधि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत कमजोर व गरीब तबके के बच्चों का निजी स्कूलों में दाखिले के लिए पंजीयन का काम जिले में शुरू हो गया है। ज्ञानदीप पोर्टल पर कमजोर वर्ग के बच्चों का निजी स्कूलों में दाखिले के लिए ऑनलाइन आवेदन लेने का काम 25 जनवरी तक किया जाएगा। नामांकन प्रक्रिया के तहत शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत सत्र 2025-26 में निजी स्कूलों में दाखिला लेने के लिए बच्चों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा। गुरुवार से शिक्षा विभाग के ऑनलाइन पोर्टल ज्ञानदीप के माध्यम से रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है। 30 दिसंबर से 10 फरवरी तक पंजीकृत छात्रों का सत्यापन होगा। सत्यापन के बाद 15 फरवरी को सत्यापित छात्रों का ऑनलाइन स्कूल आवंटन होगा। बच्चों का विभागीय प्रक्रिया व लॉटरी निकलने के बाद स्कूल आवंटित होंगे। 16 फरवरी से चयतिन छात्र अपने आवंटित स्कूलों में दाखिला होगा। इसके बाद कमजोर बच्चों का 16 फरवरी से लेकर 28 फरवरी तक स्कूलों में प्रवेश होगा। बच्चों को ज्ञानदीप पोर्टल पर पंजीयन कराने के लिए जन्म प्रमाण पत्र, जाति, आय व निवास प्रमाण पत्र होना जरूरी है। माता-पिता का आधार कार्ड भी देना होगा। कमजोर बच्चों के प्रस्वीकृति प्राप्त स्कूलों में नामांकन के लिए अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक समूह के बच्चे के माता-पिता या अभिभावक की वार्षिक आय एक लाख तक होनी चाहिए। कमजोर वर्ग यानी सभी जाति या समुदाय के बच्चों के माता-पिता व अभिभावक की सालाना आमदनी दो लाख रुपए से कम होनी चाहिए। बच्चे की आयु 1 अप्रैल 25 तक छह वर्ष से अधिक होना चाहिए। यानी 2 अप्रैल 2017 से 1 अप्रैल 2019 के बीच जन्मे बच्चे निजी स्कूलों में दाखिले के लिए पंजीयन करा सकते हैं। लॉटरी के से स्कूलों का होगा आवंटन चयनित बच्चों का स्कूल आवंटन लॉटरी के माध्यम से होगा। दिव्यांग बच्चों के लिए पांच फीसदी सीट आरक्षित है। निजी स्कूलों के नजदीक रहने वाले विद्यार्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी। संबंधित स्कूल आवेदन में अंकित तय्थों की जांच करेगा। इसके बाद संबंधित बीईओ अंतिम रूप से जांच करेंगे। इसके बाद बच्चों का दाखिला संबंधित निजी स्कूल में होगा। जिले के स्वीकृति प्राप्त स्कूलों में 25 प्रतिशत कमजोर व अलाभकारी वर्ग के बच्चों का नामांकन लिया जाएगा।
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