
तीसरी सोमवारी पर जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक को लगी कतार
संक्षेप: नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता।श्रावण माह की तीसरी सोमवारी पर रवि योग के साथ ही पूर्वाफाल्गुनी व उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का संयोग बना, जिस पर शिवभक्तों ने भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा-अर्चना कर...
नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। श्रावण माह की तीसरी सोमवारी पर रवि योग के साथ ही पूर्वाफाल्गुनी व उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का संयोग बना, जिस पर शिवभक्तों ने भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा-अर्चना कर पुण्यप्रद अवसर का लाभ उठाया। इन संयोगों से विशिष्ट बन गए तीसरी सोमवारी पर शिवभक्तों ने जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक कर अपनी मनोकामना सिद्धि के लिए शिव दरबार में सच्चे मन से श्रद्धापूरित नमन किया। शहर के श्री पंचमुखी शोभनाथ मंदिर समेत साहेब कोठी मंदिर, न्यू एरिया पातालपुरी मंदिर, गढ़पर मंदिर, गोवर्द्धन मंदिर, पुराने स्टेशन परिसर स्थित शिवालय समेत आंती शिवालय एवं तमाम मंदिरों में शिव भक्तों ने विशेष पूजन किया।

तीसरे सावन सोमवार व्रत के साथ ही चतुर्थी तिथि रहने से विनायक चतुर्थी भी मनाई गयी। इस मंगलकारी अवसर पर भगवान शंकर के साथ ही भगवान गणेश का भी आशीष श्रद्धालु भक्तों ने प्राप्त किया। तीसरी सोमवारी के शुभ योग में शिवलिंग पर जल चढ़ा कर मनोकामनाएं पूरी होने की मान्यता के कारण शिव भक्तों ने रुद्राभिषेक भी कराया। तीसरी सोमवारी पर शुभ संयोग के बनने से श्रद्धालुओं में भारी उत्साह रहा और इस कारण भोले भंडारी के पूजन को लेकर जिले भर में खूब गहमागहमी रही। जिले भर के शिवालयों में अहले सुबह से हर हर महादेव के जयघोष गूंजते रहे। सभी शिवालयों में हर-हर महादेव, बोल बम, ऊँ नम: शिवाय के महामंत्र श्रद्धाभाव के साथ गूंजते रहे। बाबा का दरबार भक्तों के चढ़ाए बेलपत्र व कनेर के फूलों से सजे दिखे। नर-नारी, बुजुर्ग व बच्चे सभी शिवभक्ति में लीन रहे। शिवालयों में घंटियों की गूंज सुनाई दे रही थी। शिवालयों व उसके रास्तों में सुबह के चार बजे से लेकर देर शाम तक श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। शिवालयों में मंदिरों प्रबंधन की पहल अच्छी रही और उनके द्वारा तैनात स्वयंसेवकों द्वारा सुरक्षा को लेकर कड़े इंतजाम किए गए। शुभ मुहूर्त में पूजन कर मनोरथ सिद्धि की कामना की श्रद्धालुओं ने तीसरी सोमवारी पर शुभ मुहूर्त में पूजन कर मनोरथ सिद्धि की कामना सभी शिवभक्तों ने की। देर रात 11 बजकर 24 मिनट तक सावन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि रहने और इसके बाद मध्यरात्रि से पूर्व पंचमी तिथि का संयोग होने का लाभ उठाते हुए अनेक शिवभक्तों ने अपनी सुविधा के अनुसार समुचित मुहूर्त वाले समय पर शिव परिवार की पूजा पूरी की। पंचमी तिथि का लाभ लेने के लिए सोमवारी पूजन के बाद अगले दिन शिवपूजन करने वाले श्रद्धालुओं ने इस मुहूर्त का भी लाभ उठाएंगे और भोले भंडारी के दरबार में सिर नवाएंगे। तीसरे सावन सोमवार पर रवि योग का संयोग शाम 05 बजकर 35 मिनट तक बन रहा था, जबकि सावन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र का संयोग दिन भर रहा। इसके अलावा उत्तराफाल्गुनी का संयोग रात भर रहा। इसके साथ ही शिवभक्तों ने ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 04:14 बजे से 04:55 बजे तक, विजय मुहूर्त में दोपहर 02:44 बजे से 03:39 बजे तक, गोधूलि मुहूर्त में शाम 07:17 बजे से 07:38 बजे तक तथा निशिता मुहूर्त में मध्यरात्रि 12:07 बजे से 12:48 बजे तक पूजन किया और अपने इच्छित की कामना के लिए भोले भंडारी के दरबार में हाजिरी लगायी।

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