ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहार नवादाकोरोना की दूसरी लहर लगभग शांत, खाली रह गए आइसोलेशन वार्ड

कोरोना की दूसरी लहर लगभग शांत, खाली रह गए आइसोलेशन वार्ड

कोरोना की दूसरी लहर अब शांत पड़ने लगी है। जिले में अब भी इकाई और दहाई अंकों में कोरोना संक्रमितों का मिलना जारी है। सरकारी अस्पतालों में अब नाममात्र के कोरोना मरीज शेष बचे हैं। नवादा सदर अस्पताल...

कोरोना की दूसरी लहर लगभग शांत, खाली रह गए आइसोलेशन वार्ड
हिन्दुस्तान टीम,नवादाThu, 10 Jun 2021 12:10 PM
ऐप पर पढ़ें

नवादा। हिन्दुस्तान संवाददाता

कोरोना की दूसरी लहर अब शांत पड़ने लगी है। जिले में अब भी इकाई और दहाई अंकों में कोरोना संक्रमितों का मिलना जारी है। सरकारी अस्पतालों में अब नाममात्र के कोरोना मरीज शेष बचे हैं। नवादा सदर अस्पताल स्थित डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में 03 संक्रमित इलाजरत है, तो सदर ब्लॉक में संचालित डीसीएचसी में अब एक भी मरीज भर्ती नहीं हैं। इधर, रजौली अनुमंडलीय अस्पताल से सभी कोरोना संक्रमितों को डिस्चार्ज किया जा चुका है। कोरोना की दूसरी लहर के बीच जिला प्रशासन नवादा ने स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए पुख्ता तैयारियां की। सदर प्रखंड के जंगल बेलदारी स्थित बाल सुधार गृह में 01 सौ बेड का डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर स्थापित किया गया। यहां बिना लक्षण और हल्के लक्षणवाले वैसे कोरोना संक्रमितों का इलाज होना था, जिनको होम आईसोलेशन की सुविधा प्राप्त नहीं थी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। पूरे कोरोना संक्रमण काल के दौरान बाल सुधार गृह में संचालित आईसोलेशन वार्ड खाली पड़ा रहा। जिन मरीजों को होम आईसोलेशन की सुविधा नहीं थी, उनसे भी कोविड-19 जांच के दौरान होम आईसोलेशन का शपथ पत्र भरा लिया गया और दवाओं की एक पैकेट थमा दी गई। लेकिन उन्हें आइसोलेशन वार्ड में भर्ती नहीं लिया गया। सारा तामझाम धरा का धरा रह गया।

अधिकारियों की हुई प्रतिनियुक्ति, लेकिन कोई पहुंचे तक नहीं

बाल सुधार गृह स्थित आईसोलेशन वार्ड में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की पूरी टीम प्रतिनियुक्त की गई थी। इनकी मॉनिटरिंग के लिए जिला पंचायती राज पदाधिकारी अंशु कुमारी और वरीय उप समाहर्ता प्रशांत रमणिया को तैनात किया गया। यहां बिना लक्षण या हल्के लक्षण वाले 01 सौ मरीजों को भर्ती लिया जाना था। ऑक्सीजन गैस सिलिंडर की व्यवस्था, उचित इलाज के साथ खानपान और मनोरंजन के साधन भी उपलब्ध थे। औपचारिकता निभाते हुए इन वार्डों का उद्घाटन भी हुआ, लेकिन अंतिम समय तक वार्ड खाली रह गए। यहां एक भी संक्रमित को भर्ती नहीं लिया गया। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान 5060 कोरोना संक्रमितों की पुष्टि की गई। इनमें 96 फीसदी मरीजों को होम आईसोलेशन में इलाज चला। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने वैसे किसी भी मरीज को आईसोलेशन वार्ड की सुविधा मुहैया नहीं करायी, जो होम आईसोलेशन में नहीं रह सकते थे।

अधिकतर संसाधनों का नहीं हो सका इस्तेमाल

सरकारी अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों को लेकर पुख्ता व्यवस्था रही। दवाओं की उपलब्धता भी देखने को मिली। जिला स्वास्थ्य समिति की कोविड-19 अपडेट के अनुसार, सरकारी अस्पतालों में 85 बेड पर ऑक्सीजन पाईपलाइन के जरिए मरीजों को सुविधा देने को प्रबंध है, जबकि 70 बेड पर ऑक्सीजन गैस सिलिंडर की व्यवस्था की गई है। नशामुक्ति वार्ड स्थित डीसीएचसी में 06 वेंटिलेटर है, जो पीएम केयर फंड से प्राप्त हैं। लेकिन पूरे कोरोना काल में मात्र तीन वेंटिलेटर का संचालन हो पाया। इसमें भी प्रशिक्षित डॉक्टरों और जीएनएम की भूमिका काफी कम रही। अधिकतर समय वेंटिलेटर बंद ही रहें। ऑक्सीजन सप्लाई वाले मात्र दर्जन भर बेड पर कोरोना संक्रमितों का इलाज चला। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अधिकतर संसाधनों का सही इस्तेमाल नहीं हो सका।

पीएचसी स्तर पर भी हुआ इलाज

जिलेभर के सरकारी अस्पतालों में हल्के लक्षण और बिना लक्षण वाले मरीजों का इलाज हुआ। जिला पदाधिकारी यश पाल मीणा के प्रयास से प्रखंड स्तर पर संचालित सरकारी अस्पतालों में कोविड-19 संक्रमितों के इलाज को व्यवस्था की गई। बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर सहित एम्बुलेंस तक की खरीद की गयी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ वर्चुअल बैठक में पिछले महीने ही बताया गया कि प्रखंड स्तर के अस्पतालों में 242 लक्षण वाले संक्रमितों का इलाज किया गया। नरहट में 47, काशीचक में 28, गोविन्दपुर में 25, रजौली में 25, वारिसलीगंज में 22, कौआकोल में 21, नारदीगंज में 16, पकरीबरावां में 13, हिसुआ में 12, सिरदला में 12, अकबरपुर में 11, रोह में 08 और मेसकौर में 02 कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज पीएचसी में किया गया। हालांकि नवादा सदर स्थित डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर खाली ही रहा।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें