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नक्सली मूवमेंट पर सिरदला में कॉम्बिंग ऑपरेशन

इंटेलिजेंस से मिले इनपुट पर नवादा जिले के घोर नक्सल प्रभावित सिरदला थाने के सीमावर्ती जंगलों में गुरुवार को पुलिस व अर्द्धसैनिक बलों ने कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाया। पुलिस को गया जिले के फतेहपुर थाना से सटे...

नक्सली मूवमेंट पर सिरदला में कॉम्बिंग ऑपरेशन
Thu, 01 Jun 2017 09:31 PM
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इंटेलिजेंस से मिले इनपुट पर नवादा जिले के घोर नक्सल प्रभावित सिरदला थाने के सीमावर्ती जंगलों में गुरुवार को पुलिस व अर्द्धसैनिक बलों ने कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाया। पुलिस को गया जिले के फतेहपुर थाना से सटे सीमावर्ती जंगलों में नक्सलियों के मूवमेंट की सूचना मिली थी। गुरुवार तड़के शुरू हुआ ऑपरेशन देर शाम तक चला। इस दौरान पुलिस ने खटांगी, मढ़ी, लवनी, कलौंदा, जमुनिया, पोखरिया कोल, भीतिया, हेमजाभारत व कुम्भियातरी समेत जंगल में स्थित कई गांवों को खंगाला। परंतु नक्सलियों का कोई सुराग पुलिस को नहीं मिला। सूत्रों के मुताबिक पुलिस को चौकिया, बंझौरिया, सुरजूडीह, थमकोल, हेमजाभारत व भीतिया के समीप नक्सलियों का लोकेशन मिला था। ऐसा माना जा रहा है कि पुलिस ऑपरेशन की भनक नक्सलियों को पहले ही मिल गयी, जिससे नक्सली गया अथवा झारखंड की सीमा में शिफ्ट कर गये। एएसपी ऑपरेशन कुमार आलोक ने नक्सली ऑपरेशन की पुष्टि करते हुए कहा कि मूवमेंट की सूचना पर ऑपरेशन चलाया गया। एएसपी ने कहा कि पुलिस नक्सलियों की मूवमेंट को लेकर पूरी तरह अलर्ट है। नक्सली ऑपरेशन में एसएसबी व सिरदला पुलिस के अधिकारी व जवानों ने भाग लिया। रेड कॉरिडोर में मूवमेंट सिरदर्द जिले के रेड कॉरिडोर में शुमार सिरदला प्रखंड के नक्सल प्रभावित पंचायत अब्दुल, चौकिया व खटांगी आदि गांवों में नक्सलियों की लगातार मूवमेंट पुलिस के लिए परेशानी का सबब बनी है। झारखंड व गया जिले के फतेहपुर थाना से सटे गांवों में नक्सलियों की मूवमेंट तो आम थी, परंतु पिछले कुछ समय से स्टेट हाईवे के सीमावर्ती गांवों में भी हथियारबंद वर्दीधारी घूमते देखे गये हैं। इससे न सिर्फ ग्रामीणों में दहशत का माहौल है बल्कि नक्सलियों का बढ़ता दायरा पुलिस के लगातार सिरदर्द पैदा कर रहा है। जनाधार मजबूत करने में नक्सली सूत्रों के मुताबिक नक्सली लगातार घटते जनाधार से परेशान हैं। वे सिरदला व फतेहपुर से सटे जंगली गांवों में अपना जनाधार बढ़ाने की फिराक में है। इसी को लेकर नक्सलियों की मूवमेंट इधर लगातार बढ़ी है। हालिया दिनों में पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने व कई नक्सलियों के गिरफ्तार होने के कारण इनके जनाधार में काफी कमी आयी है। 2008 से पहले नक्सलियों का सिरदला व फतेहपुर सीमा पर वर्चस्व कायम था। 14 मई 2008 को पुलिस एनकाउंटर में छह नक्सलियों के मारे जाने के बाद नक्सली जनाधार उखड़ना शुरू हो गया। हाल ही में 8 मार्च 2017 को कोबरा के साथ एनकाउंटर में चार साथियों के मारे जाने के बाद सदस्यों की घटती संख्या से नक्सलियों में बौखलाहट हो गयी। परंतु नक्सलियों ने हार नहीं मानी व जनाधार जुटाने में लग गये। टीपीसी की सूचना पर पुलिस अलर्ट पिछले कुछ दिनों से सिरदला व रजौली के जंगलों में टीपीसी (तृतीय प्रस्तुति कमेटी) के नक्सलियों के हथियारबंद दस्ते के घूमने की सूचना के बाद पुलिस अलर्ट हो गयी। माओवादियों से जूझ रही नवादा जिले की पुलिस के लिए टीपीसी की इस इलाके में मूवमेंट नींद उड़ाने वाली खबर है। इसे लेकर नवादा पुलिस ने एरिया डोमिनेशन व सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है। पुलिस इस मामले में गया व कोडरमा जिले की पुलिस के लगातार सम्पर्क में है। सिरदला में बढ़ी है नक्सली मूवमेंट पिछले एक वर्ष में सिरदला में नक्सली मूवमेंट काफी तेजी से बढ़ी है। इसका कारण नक्सलियों द्वारा जनाधार मजबूत करने का प्रयास तो है ही, सिरदला में लेवी वसूली का बढ़ता आधार भी माना जा रहा है। पिछले कुछ समय से सिरदला में न सिर्फ सड़क मार्ग बल्कि रेल मार्ग में भी करोड़ों का काम तेजी से चल रहा है। नक्सलियों के पांव सिरदला में जमने का यह काफी मजबूत कारण माना जा रहा है। इसे लेकर नक्सलियों ने पिछले एक वर्ष में रेल व सड़क मार्ग की योजनाओं पर काम कर रहे ठेकेदारों को धमकी दी। मारपीट व फायरिंग कर दहशत फैलाया व वाहनों को भी फूंका। सूत्रों की मानें तो इनसे लाखों रुपये लेवी के रूप में वसूले गये।

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