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बिना खिड़की-दरवाजे के घरों में रहने वाले बिरहोर जाति को मिली आजादी

35 वर्षों से जिले के रजौली प्रखंड की चितरकोली पंचायत के दूधीमाटी गांव में रहने वाले बिरहोर जाति के लोगों को गणतंत्र दिवस के मौके पर सही मायने में आजादी मिली। इसी दिन बिना खिड़की व दरवाजे के घरों में...

बिना खिड़की-दरवाजे के घरों में रहने वाले बिरहोर जाति को मिली आजादी
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,नवादाTue, 28 Jan 2020 03:49 PM
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35 वर्षों से जिले के रजौली प्रखंड की चितरकोली पंचायत के दूधीमाटी गांव में रहने वाले बिरहोर जाति के लोगों को गणतंत्र दिवस के मौके पर सही मायने में आजादी मिली। इसी दिन बिना खिड़की व दरवाजे के घरों में रहने वाले बिरहोर जाति के लोग समाज की मुख्यधारा में जुड़ गए। एसडीओ चंद्रशेखर आजाद की पहल के कारण बिरहोर लोगों के घरों में बिजली के बल्ब जलने शुरू हो गए और पढ़ाई से वंचित उनके छोटे व मासूम बच्चों को के लिए विद्यालय भी शुरू हो गया।

किसी भी घरों में नहीं थी बिजली, अब घर-घर बिजली

100 लोगों की आबादी वाले लगभग 20 घरों के इस टोले में वर्षों से बिजली की सुविधा नहीं थी। टोले में केवल एक घर ऐसा था जो झारखंड से एक तार के सहारे बिजली लाकर जला रहा था। अब इस टोले के सभी घरों में तात्कालिक रूप से घर-घर में प्रशासन ने बिजली के बल्ब जला दिया है। जल्द ही चितरकोली गांव से नदी पार कर बिरहोर टोले तक बिजली का पोल लगाकर स्थायी रूप से बिजली की सुविधा मुहैया कराई जाएगी।

21 बच्चों को मिलने लगी प्राइमरी शिक्षा

बच्चों के सुनहरे भविष्य को देखते हुए नवादा के ब्राइट कैरियर एजुकेशनल एन्ड वेलफेयर ट्रस्ट के अध्यक्ष कार्यानंद शर्मा ने बच्चों को निःशुल्क प्राइमरी शिक्षा देने का बीड़ा उठाया है। रविवार को ट्रस्ट के चेयरमैन ने प्राइमरी शिक्षा से भी वंचित 21 बच्चों को स्कूल ड्रेस के साथ स्लेट-पेंसिल, किताब-कॉपी व कलम देकर उन्हें अक्षर ज्ञान देने के लिए शैक्षणिक फुलवारी विद्यालय खोलकर उसमें एक शिक्षक की व्यवस्था कर लोगों को प्रेरित किया।

पहाड़ के किनारों को काटकर बनवाया रास्ता

नदी के उस पार पहाड़ की तलहटी पर बसे बिरहोर टोले में जाने के लिए संपर्क पथ भी नहीं था। टोले तक जाने के लिए पगडंडियों से गुजर कर जाना पड़ता था। लेकिन लोगों के मिले-जुले प्रयासों से जेसीबी से पहाड़ की तलहटी को काटकर रास्ता बना दिया गया। अब कभी भी उनके गांव में किसी भी अधिकारी की गाड़ी आसानी से पहुंच सकती है और लोग सीधे प्रशासन से रूबरू हो सकते हैं। जल्द ही अब गांव में पीसीसी सड़क, पानी टंकी, सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था हो जाएगी।

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रजौली। गणतंत्र दिवस का दिन बिरहोर जाति के लोगों के लिए ऐतिहासिक बना, जब एसडीओ चंद्रशेखर आजाद ने बिरहोर टोले में झंडोत्तोलन कराने का निर्णय लिया तो जैसे लगा कि अब विलुप्त हो चुकी आदिम जनजाति के लोगों के दिन अब बहुरने वाले हैं। टोले के सबसे वयोवृद्ध पुरुष 89 वर्षीय अर्जुन बिरहोर ने जब तिरंगे झंडे की डोर खींची तो इसी के साथ उन्होंने विकास से संबंधित सभी सुविधाओं की डोर भी अपनी ओर खींच लिया। पूरा अनुमंडल प्रशासन के साथ विधायक प्रकाशवीर भी वहां मौजूद थे। टोले के लोग पहली बार अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों को देख रहे थे। गांव के लोग बड़े उत्सुक नजर आ रहे थे। जब उनके हाथों में जलेबी सहित अन्य मिठाइयां मिली तो उनके चेहरे पर एक अजीब संतुष्टि नजर आ रही थी, जैसे उसने सबकुछ पा लिया था।

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