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1901 दिव्यांगों को जल्द मिलेगा एडिप योजना का लाभ

जिलेभर के 1901 दिव्यांगों को एडिप योजना का लाभ मिलेगा। सहायक यंत्रों, उपकरणों की खरीद या फिटिंग के लिए दिव्यांग व्यक्तियों की सहायता योजना (एसिस्टेंस टू डिस्एबल्ड पर्सन फॉर परचेजिंग, फीटिंग ऑफ ऐड्स,...

1901 दिव्यांगों को जल्द मिलेगा एडिप योजना का लाभ
हिन्दुस्तान टीम,नवादाMon, 02 Aug 2021 03:00 PM
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नवादा। हिन्दुस्तान संवाददाता

जिलेभर के 1901 दिव्यांगों को एडिप योजना का लाभ मिलेगा। सहायक यंत्रों, उपकरणों की खरीद या फिटिंग के लिए दिव्यांग व्यक्तियों की सहायता योजना (एसिस्टेंस टू डिस्एबल्ड पर्सन फॉर परचेजिंग, फीटिंग ऑफ ऐड्स, एप्लिएंसेज स्कीम-एडिप) के तहत 2019 में प्रखंडवार कैम्प लगाकर दिव्यांगों से आवेदन मांगे गए थे। हजारों की संख्या में दिव्यांग आवेदकों ने सहायक यंत्रों व उपकरणों के लिए आवेदन किया। जिसमें 1901 अभ्यर्थियों का चयन किया गया। दो वर्षों से जारी कोरोना से उत्पन्न संकट काल के दौरान इन दिव्यांगों को सहायक यंत्र व उपकरण नहीं दिए जा सके। अब जल्द ही इन चयनित दिव्यांगों को जरूरी यंत्र व उपकरण उपलब्ध कराए जायेंगे। जिला पदाधिकारी यश पाल मीणा के निर्देश पर सामाजिक सुरक्षा कोषांग के प्रभारी पदाधिकारी सह वरीय उप समाहर्ता राजीव रंजन ने सांसद चंदन कुमार से शिविर के लिए समय मांगा है। सांसद की अनुमति मिलते ही शिविर लगाकर दिव्यांगों को सहायक उपकरण व यंत्र वितरित किए जाएंगे।

देश में दिव्यांगता की अब 21 श्रेणियां, अधिकाधिक को मिल रहा लाभ

दिव्यांगों को सहायक यंत्र व उपकरण उपलब्ध कराने की एडिप योजना 1981 से संचालित है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिव्यांगों के लिए 2016 में कानून बनाया और 2017 से इस योजना को नए और व्यवस्थित रुप से लागू कराया है। योजना का मुख्य उद्देश्य टिकाऊ, परिष्कृत और वैज्ञानिक रूप से निर्मित आधुनिक मानक वाले ऐड्स और उपकरणों की खरीद में जरूरतमंद दिव्यांगों की सहायतरा करना है। 2016 में कानून बनने के पूर्व तक देश में दिव्यांगता की सात श्रेणियां थी, लेकिन प्रधानमंत्री के प्रयास से इसे बढ़ाकर 21 श्रेणियां बना दी गई। जिसके बाद से बड़ी संख्या में दिव्यांगों को लाभ मिलने की उम्मीद बढ़ी है।

बन रहा यूनिक आईडेंटिटी कार्ड, दिव्यांगो का राष्ट्रीय डाटाबेस भी तैयार

देश में अधिक से अधिक दिव्यांगजनों को संसाधनों तक पहुंच में सुगमता और सुलभता मिले, इसको लेकर उनकी विशिष्ट पहचान की जा रही है। दिव्यांग व्यक्तियों के लिए एक राष्ट्रीय डाटाबेस तैयार किया जा रहा है। साथ ही प्रत्येक दिव्यांग व्यक्ति को एक विशिष्ट दिव्यांगता पहचान पत्र जारी करने के उद्देश्य से दिव्यांगों के लिए अद्वितीय पहचान पत्र (यूनिक आईडेंटिटी कार्ड) परियोजना लागू की गई है। जिसमें मंत्रालय दिव्यांगजनों के लिए यूनिक आईडी कार्ड बनाने का काम कर रहा है। जिले में सदर अस्पताल स्थित सिविल सर्जन कार्यालय में यूडीआईडी कार्ड बनाने का काम जारी है। इस योजना के तहत दिव्यांगजन और वरिष्ठ नागरिकों को सहायता उपकरण उपलब्ध कराने को लेकर विभिन्न श्रेणियां निर्धारित की गई है। ट्राई साईकिल, व्हील चेयर, वॉकिंग स्टिक, स्मार्ट केन, स्मार्ट फोन, हियरिंग एड, टेट्रापोड और ट्राईपॉड जैसे उपकरण वितरित किए जाते हैं। फिलहाल, जिले के 1901 दिव्यांगों को सहायक यंत्र और उपकरण वितरित करने की कवायद जल्द शुरु होनेवाली हैं।

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