जिले में 16 हजार प्रौढ़ निरक्षरों को साक्षर करेंगे 16 सौ वीटी
जिले को निरक्षरता रूपी कलंक से मुक्ति दिलाने के लिए पौढ़ निरक्षरों को साक्षर बनाया जाएगा। शिक्षा विभाग की ओर से इसके लिए पढ़ना लिखना अभियान अगले माह से जिले में शुरू होगा। इस अभियान के तहत 15 से अधिक...
नवादा। निज प्रतिनिधि
जिले को निरक्षरता रूपी कलंक से मुक्ति दिलाने के लिए पौढ़ निरक्षरों को साक्षर बनाया जाएगा। शिक्षा विभाग की ओर से इसके लिए पढ़ना लिखना अभियान अगले माह से जिले में शुरू होगा। इस अभियान के तहत 15 से अधिक के युवा निरक्षरों को साक्षर किया जाएगा। जिले में इस अभियान के लिए कराए गए सर्वे में 16,153 युवा निरक्षरों की पहचान की गई है। इन युवाओं को अभी तक अक्षर ज्ञान भी नहीं है। लिहाजा इन्हें साक्षर कर शिक्षा की मुख्याधारा से जोड़ा जाएगा। राष्ट्रीय साक्षरता मिशन प्रधिकार तथा राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकार की ओर से यह अभियान बिहार सहित पूरे देश में चलाया गया है। पढ़ना-लिखना अभियान को सफल बनाने में जिले के पंचायती राज संस्थाओं की अहम भागीदारी होगी। जिले में अक्षर आंचल योजना के तहत असाक्षर महिलाओं को साक्षर बनाने के लिए कार्यक्रम चल रहा है, पर युवाओं के लिए इस तरह के अभियान से उन्हें शिक्षा की मुख्यधारा से जुड़ने में बहुत मदद मिलेगी।
कई मायनों में अहम होगा अभियान
पढ़ना लिखना अभियान के तहत जिले के 15 वर्ष से अधिक आयु वाले 16 हजार से अधिक अनपढ़ लोगों को बुनियादी शिक्षा जैसे यातायात चिह्न समझने, आवेदन पत्र भरने, समाचारपत्र का शीर्षक पढ़ने, चिट्ठी-पत्री लिखने-पढऩे, दो अंकों का जोड़, घटाव, गुणा, भाग आदि सिखाया जाएगा। इस अभियान में मुख्य रूप से महिलाओं, अनुसूचित जाति एवं जन जाति और अन्य पिछड़े वर्ग को शामिल किया जाएगा। जिले में महिलाओं की साक्षरता दर 60 फीसदी से कम है। लिहाजा पौढ़ महिलाओं को भी इस योजना का लाभ मिलेगा।
16 सौ स्वयंसेवकों का होगा चयन
जिले में पढ़ना-लिखना अभियान की शुरुआत करने के लिए वॉलिंटियार टीचर यानि स्वयंसेवकों का चयन किया जा रहा है। जिले में 16 सौ15 वीटी का चयन किया जा रहा है। चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें दो दिनों का प्रशिक्षण प्रखंड स्तर पर दिया जाएगाा। इसके लिए अभी से ही जिले के स्कूलों, कॉलेजों,एनसीसी एवं एनएसएस संगठनों से छात्र-छात्राओं का निरक्षरों को पढ़ाने के लिए वीटी के रूप में चयन किया जा रहा है। जिले के लक्ष्य के अनुरूप आबादी के आधार पर अभिवंचित तबकों के आबादी बहुल टोलों को चिन्हित करने को कहा है। जिन टोलों में महादलित, दलित एवं अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा वर्ग केंद्र संचालन है । उसे छोड़कर किसी अन्य टोले का चयन पढना-लिखना अभियान के लिए किया जाएगा।
विशेष बातें
केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इस अभियान की शुरुआत सितंबर 2020 में की थी
युवा साक्षरता को बढ़ावा देना तथा 2030 तक शत-प्रतिशत साक्षरता प्राप्त करना है लक्ष्य
युवा नव साक्षरों के लिए साल में तीन बार बुनियादी परीक्षा का आयोजन किया जाएगा
एनआइओएस की ओर से यह मूल्यांकन किया जाएगा
अभियान जिले में शिक्षा दर को बढ़ाने में मदद करेगा।
15 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों को मुफ्त में बुनियादी शिक्षा मिल सकेगी।
वर्जन
राष्ट्रीय साक्षरता मिशन प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण की ओर से पढ़ना- लिखना शुरू किया गया है। इसके तहत 16 हजार पौढ़ निरक्षरों को साक्षर करने का लक्ष्य तय किया गया है। साक्षर करने के लिए वीटी का चयन किया जा रहा है। नौवीं व दसवीं के बच्चे तथा सामाजिक कार्यकर्ता, जो शिक्षा से जुडे हों। उनका चयन वीटी के रूप में किया जाएगा। - अनंत कुमार, डीपीओ, साक्षरता , नवादा