कुदरत का गजब खेल, बिहार में एक नदी में उफान तो दूसरी पानी को तरस रही
इस बार बारिश में भी पटना समेत आठ जिलों की कुछ नदियों में मापने योग्य पानी ही नहीं है। अर्थात वहां जलस्तर अभी गेज स्तर से भी नीचे है। पानी में बहाव नहीं है। बारिश का पानी जहां-तहां जमा है। जल संसाधन विभाग के विशेषज्ञ इसलिए हैरान हैं। कि जब अधिसंख्य नदियों में उफान है तो फिर कुछ नदियां सूखी क्यों हैं।
बिहार में इन दिनों कुदरत का अलग प्रकार का खेल देखा जा रहा है। उत्तर और दक्षिण बिहार की कई नदियां एक साथ सूखा और बाढ़ दोनों झेल रही हैं। उत्तर बिहार में मुजफ्फरपुर, दरभंगा, समस्तीपुर और सीतामढ़ी तो दक्षिण में नालंदा, पटना और नवादा जिले की नदियों में ऐसे हालात हैं। आमतौर पर पहले स्थिति दक्षिण बिहार के जिलों की नदियों में अधिक देखने को मिलती थी। यहां की नदियां सामान्य दिनों में सूखी ही रहती हैं। मानसून के समय भी इनमें कुछ ही दिनों के लिए पानी आता है। उत्तर बिहार में ऐसी स्थिति कम ही होती है।
इस बार बारिश में भी पटना समेत आठ जिलों की कुछ नदियों में मापने योग्य पानी ही नहीं है। अर्थात वहां जलस्तर अभी गेज स्तर से भी नीचे है। पानी में बहाव नहीं है। बारिश का पानी जहां-तहां जमा है। जल संसाधन विभाग के विशेषज्ञ इसलिए हैरान हैं कि जब अधिसंख्य नदियों में उफान है तो फिर कुछ नदियां सूखी क्यों हैं। प्रकृति और पार्यावरण के सुरक्षा के लिहाज से यह स्थिति खतरनाक है। एक ओर जल संकट है तो दूसरी ओर जल के आधिक्य से परेशानी है।
इन नदियों में ऐसे हालात क्यों बन रहे हैं?
● प्रकृति की दोहरी मार से विशेषज्ञ भी हैं हैरान
● भविष्य के लिए बड़े खतरे के रूप में देख रहे
● अनियमित बारिश भी है बड़ा कारण
जलग्रहण क्षेत्र में बारिश वाली नदियों में पानी
जल विशेषज्ञ आरके सिन्हा कहते हैं कि बिहार की नदियों में तिब्बत, नेपाल, झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ के साथ-साथ राजस्थान तक का पानी आता है। इन राज्यों में जैसी बारिश हुई है, उनसे जुड़ी नदियों में पानी भी उसी हिसाब से है। दक्षिण बिहार की कई नदियां मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ से जुड़ी हैं, जहां खूब बारिश हुई है। सोन नदी का उद्गम स्थल मध्यप्रदेश का अमरकंटक है। सामान्यतया सूखी रहने वाली लोकाइन नदी ने इस साल खूब तबाही मचायी है। इस नदी में फल्गु से पानी आता है, जो झारखंड के क्षेत्र से जुड़ा है। इस बार वहां जमकर बारिश हुई है। जबकि, तिलैया, पंचाने के जलस्रोत ही सूखे हैं। इन नदियों का उद्गम स्थल झारखंड में है। छोटानागपुर की पहाड़ियों से इनमें पानी आता है।
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