
बिहार में ग्रामीण सड़कों के लिए ग्लोबल नहीं नेशनल टेंडर, मंत्री अशोक चौधरी ने बताया पूरा प्लान
संक्षेप: बिहार में 2024-25 में ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा 14,036 पथों की स्वीकृति दी गई है। जिनकी कुल लंबाई 24,480 किलोमीटर है। ग्रामीण मंत्री अशोक चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि ग्रामीण सड़कों का ग्लोबल टेंडर नहीं नेशनल टेंडर हुआ है। फर्जीवाड़े और गलत दस्तावेज़ों पर सख्त कार्रवाई, और एफआईआर भी तय हुई है।
बिहार में ग्लोबल टेंडर को लेकर जारी विवाद के बीच ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने कहा है कि ग्रामीण सड़कों का ग्लोबल टेंडर नहीं हुआ है। नेशनल बिडिंग की गई है जिसमें अधिकतर बिहार की एजेंसी शामिल हुई है। विभाग ने अब तक 1038 पैकेज का टेंडर हुआ है। इससे सरकार को 816 करोड़ की बचत हुई है। शुक्रवार को सूचना भवन में पत्रकारों से बातचीत में अशोक चौधरी ने कहा कि अब ठेकेदारों को कम लाभ दिया जा रहा है।
उन्होने कहा कि कुछ लोग भ्रम फैला रहे हैं कि बड़े-बड़े पैकेज बनाए गये हैं और छोटे ठेकेदारों को मौका नहीं मिलेगा लेकिन हकीकत ये है कि छोटे-छोटे पैकेज बनाए गये हैं ताकि स्थानीय संवेदकों को लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि इस फैसले से न सिर्फ काम की गुणवत्ता बढ़ी है। ग्रामीण सड़क सुदृढीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम के तहत वर्ष 2024-25 में 14036 पथ, जिनकी लंबाई लगभग 24,480 किमी है, उसकी स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक 4079 पथ, जिनकी लंबाई लगभग 6484 किमी है, उसे भी मंजूरी दी गई है।
मंत्री अशोक चौधरी ने बताया कि पैकेज नीति और नेशनल बिडिंग के फैसले के चलते राज्य के अधिकतर जिलों से पंजीकृत संवेदकों ने ही कार्य प्राप्त किया है। बिहार के बाहर झारखंड की 2 से 3 और उत्तर प्रदेश की 1 से 2 कंपनियों को कांट्रैक्ट मिला है। वहीं ग्रामीण कार्य के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि ब्लैक लिस्टेड होने के बाद ठेकेदारों ने अपनी पत्नी और बेटे के नाम पर एजेंसी बना ली है। गलत आयकर प्रमाणपत्र भी दे दिया है। इनकी पहचान कर नोटिस दिया गया है। ऐसे ठेकेदारों पर मुकदमा भी होगा।
आपको बता दें बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान एनडीए के विधायक दल की बैठक में ग्लोबल टेंडर को लेकर डिप्टी सीएम विजय सिन्हा और जदयू के मंत्री अशोक चौधरी के बीच तीखी बहस हुई थी। जिसकी चर्चा मीडिया में तक हुई थी।





