
जेल जाए कर्मचारी तो निलंबन, फिर नेता क्यों सरकार चलाएं? मोदी बोले- अब भ्रष्टाचारी की कुर्सी भी जाएगी
संक्षेप: पीएम नरेंद्र मोदी ने पूछा कि ये कैसे हो सकता है कि सरकारी कर्मचारी जेल जाने पर सस्पेंड हो जाए और सीएम या मंत्री वहां सत्ता का सुख पाएं। मोदी ने जेल बंद नेताओं को 31वें दिन पद से हटाने वाले विधेयक पर कहा कि अब भ्रष्टाचारी की कुर्सी भी जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जेल में लगातार 30 दिन रहने की सूरत में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री को पद से हटाने वाले विधेयक के विरोध का बिहार के गयाजी में जमकर बचाव किया और कहा कि अब भ्रष्टाचारी जेल जाएंगे और उनकी कुर्सी भी जाएगी। मोदी ने कहा कि ये कैसे हो सकता है कि एक सरकारी कर्मचारी जेल जाने पर सस्पेंड हो जाए लेकिन एक मुख्यमंत्री या मंत्री जेल में रहकर भी सत्ता का सुख पाए। बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने 20 अगस्त को लोकसभा में एक संविधान संशोधन बिल पेश किया है जो पास हो गया तो पीएम, सीएम या मंत्री जेल में रहने की हालत में 31वें दिन खुद ही पद से हटा दिए जाएंगे। विपक्ष के विरोध के बीच Constitution (130th Amendment) Bill को संयुक्त समिति को भेजा गया है। विपक्ष आरोप लगा रहा है कि सरकार इस कानून के जरिए एजेंसियों की मदद से विपक्षी दलों के मुख्यमंत्री को फर्जी मुकदमों में जेल भेजेगी और फिर पद से हटा देगी।

बिहार में 12 हजार करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने पीएम मोदी शुक्रवार को गया पहुंचे थे। मोदी ने वहां जनसभा को संबोधित करते हुए कहा- “आज कानून है कि अगर किसी छोटे सरकारी कर्मचारी को 50 घंटे तक हिरासत में रख दिया तो अपने आप वो सस्पेंड हो जाता है। लेकिन अगर कोई मुख्यमंत्री है, कोई मंत्री है, कोई प्रधानमंत्री है, वो जेल में रहकर भी सत्ता का सुख पा सकता है। ये कैसे हो सकता है। हमने कुछ समय पहले देखा है कि कैसे जेल से ही फाइलों पर साइन किए जा रहे थे। जेल से ही सरकारी आदेश निकाले जा रहे थे। नेताओं का यही रवैया रहेगा तो भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई कैसे लड़ी जा सकेगी।”
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मोदी ने आगे कहा- “संविधान हर जनप्रतिनिधि से ईमानदारी और पारदर्शिता की उम्मीद करता है। हम संविधान की मर्यादा तार-तार होते नहीं देख सकते। इसलिए एनडीए सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ एक ऐसा कानून लाई है, जिसके दायरे में देश का प्रधानमंत्री भी है। इस कानून में मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को भी शामिल किया गया है। जब यह कानून बन जाएगा, प्रधानमंत्री हो या कोई मुख्यमंत्री, या फिर कोई मंत्री, गिरफ्तारी के 30 दिन के अंदर जमानत लेनी होगी। अगर जमानत नहीं मिली तो 31वें दिन उसे कुर्सी छोड़नी पड़ेगी।”
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पीएम मोदी ने विपक्षी दलों के विरोध का जवाब देते हुए कहा- “राजद वाले, कांग्रेस वाले, लेफ्ट वाले इस कानून का विरोध कर रहे हैं। ये बहुत गुस्से में हैं। कौन नहीं जानता कि उन्हें किस बात का डर है। जिसने पाप किया होता है, वो अपने पापों को छुपाता है, लेकिन खुद जानता है क्या खेल किया है। कोई बेल पर बाहर है। कोई रेल के खेल में अदालत के चक्कर लगा रहा है। जो जमानत पर बाहर घूम रहे हैं, वो आज इस कानन का विरोध कर रहे हैं। इन्हें लगता है कि अगर ये जेल चले गए तो इनके सारे सपने चकनाचूर हो जाएंगे। इसलिए ये सुबह-शाम मोदी को भांति-भांति की गाली दे रहे हैं। इतने बौखलाए हुए हैं कि जनहित के कानून का विरोध कर रहे हैं।”
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प्रधानमंत्री ने कहा कि राजेंद्र प्रसाद और बाबा साहेब आंबडेकर ने सोचा नहीं होगा कि जेल जाने के बाद भी नेता कुर्सी से चिपके रहेंगे। मोदी ने प्रस्तावित कानून का बचाव किया और कहा कि अब भ्रष्टाचारी जेल भी जाएगा और उसकी कुर्सी भी जाएगी।





