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फैक्ट चेक से नेता या दल से संबंधित दुष्प्रचार की सच्चाई जान सकेंगे मतदाता, हर जिले की वेबसाइट पर लिंक किया जाएगा अपलोड

सोशल मीडिया में किसी भी नेता या राजनीतिक पार्टी के बारे में भ्रम फैलाना अब आसान न होगा। सोशल मीडिया पर झूठी व भ्रामक सूचनाओं से मतदाताओं को अब नहीं बरगलाया जा सकेगा। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर...

फैक्ट चेक से नेता या दल से संबंधित दुष्प्रचार की सच्चाई जान सकेंगे मतदाता, हर जिले की वेबसाइट पर लिंक किया जाएगा अपलोड
मुजफ्फरपुर। कुंदन कुमारTue, 15 Sep 2020 11:37 AM
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सोशल मीडिया में किसी भी नेता या राजनीतिक पार्टी के बारे में भ्रम फैलाना अब आसान न होगा। सोशल मीडिया पर झूठी व भ्रामक सूचनाओं से मतदाताओं को अब नहीं बरगलाया जा सकेगा। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने इसकी मुकम्मल व्यवस्था की है। सोशल मीडिया पर हो रहे दुष्प्रचार का जवाब आयोग व जिला प्रशासन की वेबसाइट पर जारी ‘फैक्ट चेक’ के लिंक से दिया जाएगा। कोई भी मतदाता किसी भी खबर या पोस्ट की सच्चाई आयोग या संबंधित जिले की वेबसाइट के फैक्ट चेक के लिंक पर जाकर पता कर सकेगा।
चुनाव आयोग के आदेश के बाद अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी गोपाल मीणा ने सभी जिलों को आदेश जारी किया है। जिला निर्वाचन अधिकारियों को कहा गया है कि वे आयोग की ओर से दिए गए लिंक ‘फैक्ट चेक’ को जिले की वेबसाइट पर अपलोड करें। उन्होंने कहा है कि इस लिंक के माध्यम से सोशल मीडिया पर प्रसारित या पोस्ट किए गए भ्रामक खबरों का खंडन त्वरित रूप से किया जाएगा। इस लिंक के जरिए आयोग किसी भी समाचार पर आयोग का रुख स्पष्ट करेगा और मतदाता खबर या पोस्ट की सच्चाई जान सकेंगे। जिला प्रशासन किसी खबर की सच्चाई की जानकारी इस लिंक से लेने के बाद उसे आधिकारिक फेसबुक पेज, ट्विटर, यूट्यूब व इंस्स्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया पर भी प्रसारित करेगा। इससे किसी भी खबर की सच्चाई लोगों तक पल भर में पहुंचेगी।

गलत पोस्ट डालने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई
आयोग की इस व्यवस्था के बाद राजनीतिक दलों व उनके समर्थकों के लिए किसी भी प्रत्याशी के संबंध में भ्रामक व्यक्तिगत पहचान, जानकारी या आरोप लगाना कठिन हो जाएगा। इस तरह की शिकायत मिलने पर आयोग उससे संबंधित फैक्ट चेक प्रसारित करेगा और गलत सूचना प्रसारित करने या गलत पोस्ट डालने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जा सकेगी। सोशल मीडिया पर चल रही भ्रामक खबरों के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए आयोग बिहार विधानसभा चुनाव में इसे पहली बार आजमा रहा है।

 

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