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सरैया में सब्जी उगा महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर

आज घर की देहरी से बाहर निकलकर महिलाएं हर क्षेत्र में पहचान बना रही हैं। सरैया की महिलाएं ग्रामीण इलाके में आधुनिक खेती की बुनियाद रख रही हैं। वे लीज पर जमीन लेकर उसमें खेती कर आर्थिक स्वावलंबन की ओर...

सरैया में सब्जी उगा महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर
पंकज राकेश,मुजफ्फरपुरTue, 08 Jan 2019 01:47 AM
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आज घर की देहरी से बाहर निकलकर महिलाएं हर क्षेत्र में पहचान बना रही हैं। सरैया की महिलाएं ग्रामीण इलाके में आधुनिक खेती की बुनियाद रख रही हैं। वे लीज पर जमीन लेकर उसमें खेती कर आर्थिक स्वावलंबन की ओर बढ़ रही है। महमदपुर चकिया गांव की एक दर्जन से अधिक महिलाएं आधुनिक तकनीक से शिमला मिर्च, ब्रोकली, फूलगोभी, पत्ता गोभी आदि की खेती कर अच्छी आमदनी प्राप्त कर रही हैं।

दो साल पहले की शुरुआत:

जीविका के सहयोग से मिट्टी का परीक्षण कर दो साल पूर्व दो हजार वर्ग मीटर में अत्याधुनिक तकनीक युक्त पॉली हाउस लगाया गया। इसमें प्रयोग के तौर पर शिमला मिर्च सहित अन्य सब्जियों की खेती शुरू की। आमदनी बढ़िया होने से महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ने लगा। टीम लीडर शैल देवी व गीता देवी ने बताया कि शिमला मिर्च की खेती की कुल लागत 39 हजार रुपये के आसपस है। इसमें बीज 8500 रुपये, वर्मी कंपोस्ट 2500 रुपये, नीम खल्ली चार हजार रुपये, अन्य दवाइयां 10 हजार रुपये, सिंचाई छह हजार, मजदूरआठ हजार रुपये शामिल हैं। पॉली हाउस में पांच हजार पौधे लगते है। शिमला मिर्च का औसत बाजार मूल्य करीब 20 रुपये प्रति किलो मिलता है। चार-पांच लाख रुपये की आमदनी होती है। तीन से साढ़े चार लाख रुपये की बचत होती है।

पॉली हाउस से करतीं फसल की सुरक्षा:

शैल देवी व गीता देवी ने बताया कि पारंपरिक खेती की जगह पॉली हाउस में फसल उगाती हैं। संजय कुमार यादव व जीविका के बीपीएम शशांक कुमार समय-समय पर मदद करते है।

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