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अधूरे गर्ल्स हॉस्टल निर्माण की यूजीसी ने शुरू कराई जांच

कॉलेजों में ठप गर्ल्स हॉस्टल निर्माण की जांच यूजीसी ने शुरू करा दी है। यूजीसी के प्रतिनिधि शनिवार को कॉलेजों के अर्द्धनिर्मित हॉस्टलों की जांच करने पहुंचे। यूजीसी की ओर से भेजे गये डॉ. एस दान ने एलएस...

अधूरे गर्ल्स हॉस्टल निर्माण की यूजीसी ने शुरू कराई जांच
हिन्दुस्तान टीम,मुजफ्फरपुरSun, 30 Jul 2017 01:53 AM
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कॉलेजों में ठप गर्ल्स हॉस्टल निर्माण की जांच यूजीसी ने शुरू करा दी है। यूजीसी के प्रतिनिधि शनिवार को कॉलेजों के अर्द्धनिर्मित हॉस्टलों की जांच करने पहुंचे। यूजीसी की ओर से भेजे गये डॉ. एस दान ने एलएस कॉलेज, एमडीडीएम कॉलेज व एलएन मिश्रा कॉलेज ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट में हॉस्टल निर्माण की स्थिति की जांच की। इस दौरान तीनों कॉलेजों के प्राचार्यों व शिक्षकों के साथ बैठक कर कई जानकारी ली। हॉस्टल का निर्माण एक करोड़ की लागत से हो रहा है। इसमें यूजीसी ने 50 लाख रुपये दिये हैं। जल्द से जल्द 50 लाख रुपये की उपयोगिता प्रमाण पत्र सौंपने के लिए कहा है। डॉ. दान सबसे पहले एलएस कॉलेज पहुंचे। करीब घंटे भर तक तमाम शिक्षकों से वार्ता के बाद पीजी गर्ल्स हॉस्टल कैंपस में अधूरे दो मंजिला गर्ल्स हॉस्टल का निरीक्षण किया। इसकी स्थिति देख थोड़ी नाराजगी जताई। यहां आसपास में जंगल व गंदगी देख उन्होंने कॉलेज के शिक्षकों से सवाल कर दिया। पूछा कि विवि क्षेत्र में यह हॉस्टल क्यों? शिक्षकों ने सुरक्षा को देखते हुए इस हॉस्टल के निर्माण की बात कही। इसके बाद डॉ. दान एमडीडीएम कॉलेज में पहुंचे। प्राचार्या डॉ. ममता रानी ने बताया कि हॉस्टल के निर्माण पर डॉ. एस दान संतुष्ट दिखे। 22 लाख रुपये की लागत से 10 कमरे के हॉस्टल का निर्माण कराया जा रहा है। आधा काम लगभग पूरा हो चुका है। इसका उपयोगिता प्रमाण पत्र कॉलेज जल्द ही यूजीसी को भेजेगा। इसके बाद डॉ. दान ने एलएन मिश्रा कॉलेज ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट में पहुंचकर वहां के हॉस्टल निर्माण का हाल जाना। आठ साल से रुका था हॉस्टल निर्माण: दसवीं योजना के तहत विवि के करीब डेढ़ दर्जन कॉलेजों में गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण के लिए 50 फीसदी राशि दी गई थी। यह हॉस्टल कॉलेज स्तर पर बनाया जाना था। लेकिन अधिकांश कॉलेजों का हॉस्टल निर्माण विवि स्तर पर शुरू हो गया। इसके अलावा कई अन्य गड़बड़ियों की शिकायत व उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं देने पर यूजीसी ने शेष राशि रोक दी। पिछले आठ साल से हॉस्टल निर्माण रूका हुआ था। यूजीसी को शिकायत मिली है कि हॉस्टल निर्माण की राशि को कई कॉलेजों ने दूसरे मद में खर्च कर दिया। बताया जा रहा है कि पहले चरण में इन तीन हॉस्टलों की जांच की गई।

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